नई दिल्ली,19 नवम्बर।महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को सिंगल फेज में वोटिंग होगी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद कुल 158 दल चुनाव मैदान में हैं। इनमें 6 बड़ी पार्टियां दो गठबंधनों का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई में शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की NCP महायुति का हिस्सा हैं। जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) यानी NCP(SP) महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। तब भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को 44 और NCP को 54 सीटें मिलीं थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जातीं, लेकिन गठबंधन टूट गया।
तमाम सियासी उठापटक के बाद 23 नवंबर, 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले ही 26 नवंबर को दोनों को इस्तीफा देना पड़ा।
इसके बाद 28 नवंबर को शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के CM बने।
करीब ढाई साल बाद शिवसेना और उसके एक साल बाद NCP में बगावत हुई और 2 पार्टियां 4 दलों में बंट गईं। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टियों को बढ़त मिली थी।
29% उम्मीदवार दागी, 412 पर हत्या-बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज चुनाव आयोग के मुताबिक निर्दलीय समेत विभिन्न पार्टियों के कुल 4136 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने इनमें से 2201 उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की है।
इसके मुताबिक करीब 29 फीसदी यानी 629 उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं। इनमें से 412 पर हत्या, किडनैपिंग, बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 50 उम्मीदवार महिलाओं से जुड़े अपराधों के आरोपी हैं।