नई दिल्ली,16 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों की अहम यात्रा पर जा रहे हैं। यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि 17 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नाइजीरिया की यात्रा पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी 16-17 नवंबर को नाइजीरिया में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे। इसके बाद वे ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना होंगे। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में वे गुयाना का दौरा करेंगे।
नाइजीरिया यात्रा: बढ़ते भारत-अफ्रीका संबंध
नाइजीरिया, अफ्रीका का सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र होने के साथ-साथ भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार भी है। इस यात्रा में पीएम मोदी नाइजीरिया के नेतृत्व के साथ व्यापार, ऊर्जा, और विकास परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे।
व्यापार और निवेश: भारत और नाइजीरिया के बीच 14 बिलियन डॉलर का व्यापार है, जिसे और बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
ऊर्जा सहयोग: नाइजीरिया भारत का बड़ा तेल और गैस आपूर्तिकर्ता है। ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा यात्रा का अहम हिस्सा होगी।
सांस्कृतिक जुड़ाव: दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर भी फोकस रहेगा।
ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन
नाइजीरिया दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील पहुंचेंगे, जहां वे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
ग्लोबल साउथ की आवाज: भारत, जी-20 की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों के हितों को प्रमुखता से उठाता रहा है। ब्राजील में इस दिशा में बातचीत को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।
मुद्दों पर चर्चा: डिजिटल अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
गुयाना का दौरा: भारतीय डायस्पोरा से जुड़ाव
ब्राजील के बाद प्रधानमंत्री गुयाना जाएंगे, जो दक्षिण अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी आबादी वाला देश है।
भारतीय समुदाय के साथ संवाद: गुयाना में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों के साथ बातचीत करेंगे और भारत-गुयाना संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर ध्यान देंगे।
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग: गुयाना, ऊर्जा और कृषि में भारत का एक संभावित साझेदार है। इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की योजना है।
यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अफ्रीका में भारत की रणनीति: नाइजीरिया दौरा, भारत की ‘अफ्रीका फोकस’ नीति का हिस्सा है।
लैटिन अमेरिका के साथ संबंध: ब्राजील और गुयाना यात्रा से भारत-लैटिन अमेरिका सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों को नई ऊंचाई पर ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है। नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना के साथ संबंधों को मजबूत कर भारत अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को और सशक्त बनाएगा।