नई दिल्ली,8 नवम्बर। अमेरिकी राजनीति में एक दिलचस्प बदलाव की चर्चा हो रही है। यदि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह भारतीय मूल के अमेरिकी काश पटेल को सीआईए (CIA) का प्रमुख नियुक्त कर सकते हैं। काश पटेल का नाम ऐसे समय में चर्चा में आया है जब उन्होंने विदेशी मीडिया द्वारा अयोध्या के राम मंदिर पर रिपोर्टिंग को आड़े हाथों लिया और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उनका रुख खुलकर सामने आया।
काश पटेल का अयोध्या और राम मंदिर पर रुख
काश पटेल ने हाल ही में विदेशी मीडिया द्वारा अयोध्या के राम मंदिर और उसके ऐतिहासिक तथ्यों पर रिपोर्टिंग को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने विदेशी मीडिया द्वारा “राम मंदिर को 500 साल पहले गिराने” की रिपोर्ट को गलत बताते हुए इसके पीछे भारत विरोधी मानसिकता की आलोचना की। काश का मानना है कि भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को गलत तरीके से पेश करना न केवल भारतीयों का अपमान है, बल्कि भारत और उसकी संस्कृति के प्रति भ्रामक विचारों को भी बढ़ावा देता है। उनका रुख यह स्पष्ट करता है कि वह अपनी भारतीय जड़ों को लेकर गर्व महसूस करते हैं और उन्हें विदेशी मीडिया द्वारा गलत संदर्भ में पेश करने से नाराज हैं।
काश पटेल का प्रोफाइल और ट्रंप से करीबी संबंध
काश पटेल अमेरिकी सुरक्षा और राजनीति के एक अनुभवी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुरक्षा पदों पर कार्य किया है, जिसमें रक्षा विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में भी सेवाएं दी थीं, जहां उनके ट्रंप के साथ करीबी संबंध बने। ट्रंप के सलाहकारों में गिने जाने वाले काश पटेल का नाम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर हमेशा चर्चा में रहा है।
सीआईए प्रमुख के लिए संभावित उम्मीदवार
काश पटेल का नाम अब सीआईए के संभावित प्रमुख के रूप में सामने आ रहा है। यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह भारतीय मूल के इस दिग्गज को अमेरिका की खुफिया एजेंसी का नेतृत्व सौंप सकते हैं। यह कदम न केवल ट्रंप के विदेशी नीति में बदलाव की मंशा को दिखाता है बल्कि काश पटेल की उस योग्यता को भी रेखांकित करता है जो उन्होंने सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में प्रदर्शित की है।
भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय
काश पटेल का सीआईए प्रमुख के रूप में चयन भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का विषय हो सकता है। यह न केवल भारतीय मूल के अमेरिकियों की उपलब्धियों को रेखांकित करेगा, बल्कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय की ताकत और प्रतिष्ठा को भी और ऊंचा उठाएगा। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भी काश की यह नई भूमिका योगदान दे सकती है।
निष्कर्ष
काश पटेल का सीआईए प्रमुख बनने का संभावित निर्णय अमेरिकी राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अयोध्या और राम मंदिर पर उनके विचारों ने उन्हें भारतीय समुदाय में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व बना दिया है। ट्रंप के साथ उनके करीबी संबंध और उनकी भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण से यह संभावना है कि उनका नेतृत्व अमेरिकी खुफिया एजेंसी को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा।