नई दिल्ली,6 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस होल्डर्स को 7,500 किलो तक वजन वाली गाड़ियां चलाने की परमिशन दे दी है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई डेटा नहीं है, जो साबित करता हो कि LMV ड्राइविंग लाइसेंस होल्डर्स देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय समेत 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह मुद्दा एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले ड्राइवरों की रोजी-रोटी से जुड़ा है। कोर्ट ने केंद्र से कानून में संशोधन प्रक्रिया जल्द पूरी करने को भी कहा।
यह फैसला बीमा कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है, जो हादसों में एक निश्चित वजन के ट्रांसपोर्ट व्हीकल के शामिल होने और ड्राइवरों के नियमों के मुताबिक उन्हें चलाने के लिए अधिकृत न होने पर क्लेम खारिज कर रही थीं।
18 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने इस कानूनी सवाल से जुड़ीं 76 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। प्रमुख याचिका बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की तरफ से दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एनालिसिस
- 7500 किलो से कम वजन वाले व्हीकल चलाने के लिए LMV लाइसेंस वाले ड्राइवर को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 10(2)(ई) के तहत अलग से अथॉरिटी की जरूरत नहीं है।
- लाइसेंसिंग के लिए, LMV और ट्रांसपोर्ट व्हीकल अलग कैटेगरी नहीं हैं। दोनों के बीच एक ओवरलैप है। हालांकि, स्पेशल परमिशन की जरूरत ई-कार्ट, ई-रिक्शा और खतरनाक सामान ले जाने वाले व्हीकल पर लागू होती रहेगी।
- मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 3(1) का दूसरा हिस्सा, जो ट्रांसपोर्ट व्हीकल चलाने के लिए स्पेशल अथॉरिटी की जरूरत पर जोर देता है, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(21) में दी गई LMV की परिभाषा की जगह नहीं लेता है।
- ट्रांसपोर्ट व्हीकल चलाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट और मोटर व्हीकल रूल्स में दिए गए मानदंड केवल उन लोगों पर लागू होंगे जो 7500 किलो से ज्यादा वजन वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल यानी माल वाहक, पैसेंजर व्हीकल, भारी माल वाहक और यात्री वाहन चलाना चाहते हैं।
2017 के एक मामले से उठा था सवाल
दरअसल यह सवाल तब उठा, जब 2017 में मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने एक फैसला सुनाया था। तब कोर्ट ने कहा था- ऐसे ट्रांसपोर्ट व्हीकल, जिनका कुल वजन 7,500 किलोग्राम से ज्यादा नहीं है, उन्हें LMV यानी लाइट मोटर व्हीकल की परिभाषा से बाहर नहीं कर सकते हैं।