नई दिल्ली,6 नवम्बर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव की खबरे इन दिनों सुर्खियों में हैं। हाल ही में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी आलाकमान से राज्य के कुछ भाजपा नेताओं की शिकायत की है। शिंदे का कहना है कि भाजपा के कुछ नेता गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं और उनके द्वारा बनाई गई सहमति के खिलाफ कार्य कर रहे हैं। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच बढ़ते मतभेदों को उजागर कर रहा है।
गठबंधन में बढ़ती खटास
2022 में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के एक बड़े गुट के साथ बगावत की और भाजपा के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाई। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के तहत सत्ता में संतुलन और समन्वय की उम्मीद थी। हालांकि, शिंदे ने आरोप लगाया है कि भाजपा के कुछ नेता उनकी सरकार को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे की नाराजगी के कारण
शिंदे का मानना है कि गठबंधन में सम्मान और समन्वय होना जरूरी है, लेकिन भाजपा के कुछ नेता उनकी सरकार की योजनाओं में हस्तक्षेप कर रहे हैं। शिंदे ने आलाकमान से कहा कि वे इस मामले पर ध्यान दें ताकि दोनों पार्टियों के बीच एक बेहतर तालमेल बने और राज्य की सरकार में स्थिरता बनी रहे। उनकी शिकायतों में यह भी कहा गया है कि भाजपा नेता सीधे सरकारी मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जो सरकार की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है।
भाजपा आलाकमान का रुख
अब सभी की निगाहें भाजपा आलाकमान पर टिकी हैं। क्या भाजपा आलाकमान शिंदे की शिकायतों पर संज्ञान लेगा और अपने नेताओं को गठबंधन धर्म का पालन करने के लिए कहेगा? या क्या ये मामला दोनों दलों के बीच और भी गहरी दरार पैदा करेगा?
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र में इस गठबंधन की दिशा और दशा आने वाले महीनों में साफ हो जाएगी।