नई दिल्ली,5 नवम्बर। भारतीय शेयर बाजार ने आज कमजोर शुरुआत की, जिसमें कई प्रमुख स्टॉक्स भारी गिरावट के साथ खुले। वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते भारतीय निवेशकों में भी बेचैनी का माहौल दिखा। बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई, और कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। आइए जानते हैं कौन से 10 स्टॉक्स हैं जो सबसे अधिक नुकसान में रहे और इसके पीछे के मुख्य कारण क्या हैं।
मार्केट की कमजोर शुरुआत
आज के शुरुआती ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में गिरावट देखी गई। यह गिरावट वैश्विक स्तर पर आई आर्थिक सुस्ती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित वृद्धि को लेकर चल रही आशंकाओं के कारण हुई। विदेशी निवेशकों ने भी भारी मात्रा में बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।
ये 10 स्टॉक्स रहे सबसे ज्यादा नुकसान में बाजार खुलते ही निम्नलिखित 10 स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी गई:
रिलायंस इंडस्ट्रीज
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में शुरुआती सत्र में गिरावट देखने को मिली। तेल की कीमतों में अस्थिरता और हाल के नतीजों के चलते इसमें मुनाफावसूली देखी जा रही है।
अडानी एंटरप्राइजेज
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयर अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। हालिया बिकवाली का प्रभाव अडानी एंटरप्राइजेज पर भी पड़ा है।
इंफोसिस
आईटी सेक्टर में भी गिरावट देखने को मिली, जिसमें इंफोसिस का नाम प्रमुख रहा। वैश्विक स्तर पर टेक कंपनियों में आए दबाव का असर भारतीय आईटी कंपनियों पर भी पड़ा है।
टाटा स्टील
मेटल्स सेक्टर में कमजोरी के चलते टाटा स्टील का शेयर भी गिरावट में रहा। चीन की धीमी आर्थिक वृद्धि का असर भारतीय मेटल्स पर भी दिख रहा है।
एसबीआई
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयर में भी आज शुरुआती घंटों में गिरावट आई। बढ़ती ब्याज दरों और एनपीए के बढ़ते दबाव के चलते बैंकिंग सेक्टर में भी बिकवाली देखी गई।
एचडीएफसी बैंक
प्रमुख बैंकिंग स्टॉक्स में एचडीएफसी बैंक का शेयर भी दबाव में रहा। महंगाई दर और लोन रिकवरी में आई समस्याओं ने इस पर असर डाला है।
टाटा मोटर्स
ऑटो सेक्टर में भी गिरावट का माहौल रहा, जिसमें टाटा मोटर्स के शेयर में भारी गिरावट देखी गई। घटती डिमांड और कच्चे माल की बढ़ती कीमतों का असर ऑटो सेक्टर पर पड़ा है।
मारुति सुजुकी
मारुति सुजुकी भी आज के शुरुआती सत्र में दबाव में रहा। मंदी की आशंका और महंगे लोन ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट को और गहरा किया।
बजाज फिनसर्व
फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बढ़ते कर्ज के दबाव के चलते बजाज फिनसर्व के शेयर में भी गिरावट देखी गई।
डॉ. रेड्डीज लैब्स
फार्मा सेक्टर भी कमजोर नजर आया और डॉ. रेड्डीज का शेयर गिरावट में रहा। फार्मास्युटिकल्स पर बढ़ते नियामकीय दबावों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता का असर इस पर पड़ा है।
गिरावट का कारण
वैश्विक बाजारों का दबाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता ने भारतीय बाजारों को भी प्रभावित किया है। इसके अलावा, चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक सुस्ती ने भी बाजार को प्रभावित किया है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
पिछले कुछ दिनों में एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) ने भारतीय बाजार से भारी मात्रा में पूंजी निकाली है। विदेशी निवेशकों की इस बिकवाली ने भी बाजार को दबाव में ला दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की संभावित नीतियां
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में संभावित बदलाव की आशंका भी बाजार पर असर डाल रही है। महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए दरों में वृद्धि का संकेत भी बाजार को सतर्क कर रहा है।
कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव
कच्चे तेल, धातु और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते कई कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ा है।
निवेशकों के लिए सुझाव
इस गिरावट का असर अल्पावधि में देखने को मिला है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में ऐसी अस्थिरता सामान्य है। निवेशकों को धैर्य रखने और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है। ऐसी स्थिति में अनुभवी निवेशक इसे खरीदारी का मौका भी मानते हैं, क्योंकि बाजार में जब गिरावट होती है, तो अच्छे शेयरों को सस्ते में खरीदा जा सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार की आज की कमजोर शुरुआत से निवेशकों में एक बार फिर सतर्कता का माहौल है। हालांकि, यह गिरावट कुछ समय के लिए हो सकती है, और इसके बाद बाजार में स्थिरता आ सकती है।