अमेरिकी चुनाव में Red, Blue और Purple States: क्या हैं, और क्यों पर्पल में है लड़ाई?

Date:

नई दिल्ली,5 नवम्बर। अमेरिका का राजनीतिक परिदृश्य हर चार साल में राष्ट्रपति चुनाव के समय पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचता है। इन चुनावों में अक्सर हम ‘रेड स्टेट्स,’ ‘ब्लू स्टेट्स,’ और ‘पर्पल स्टेट्स’ जैसे शब्द सुनते हैं। तो ये ‘रेड,’ ‘ब्लू,’ और ‘पर्पल’ स्टेट्स क्या हैं, और क्यों पर्पल स्टेट्स को अमेरिकी राजनीति की जंग का सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है?

रेड स्टेट्स (Red States)
रेड स्टेट्स वे राज्य हैं जो रिपब्लिकन पार्टी के समर्थन में प्रमुख रहते हैं। ऐतिहासिक तौर पर, टेक्सास, अलबामा, मिसिसिपी और केंटकी जैसे राज्य ज्यादातर रिपब्लिकन उम्मीदवारों को वोट देते आए हैं। इनमें से कई राज्य दशकों से एक ही पार्टी को समर्थन देते आ रहे हैं, जिससे इनकी पहचान ‘रेड’ के रूप में स्थाई हो गई है। जब अमेरिकी चुनाव के नक्शे पर इन राज्यों को दर्शाया जाता है, तो इन्हें लाल रंग (रेड) में दिखाया जाता है, जो रिपब्लिकन पार्टी के पारंपरिक रंग का प्रतीक है।

ब्लू स्टेट्स (Blue States)
ब्लू स्टेट्स ऐसे राज्य हैं जहां ज्यादातर डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन किया जाता है। न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, मैसाचुसेट्स और इलिनॉय जैसे राज्य परंपरागत रूप से डेमोक्रेट उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करते हैं। इन राज्यों में उदारवादी नीतियों को ज्यादा समर्थन मिलता है। डेमोक्रेटिक पार्टी का रंग नीला है, इसलिए चुनावी नक्शे में इन राज्यों को नीले रंग में दिखाया जाता है।

पर्पल स्टेट्स (Purple States)
अब बात आती है पर्पल स्टेट्स की। पर्पल स्टेट्स, जिन्हें “स्विंग स्टेट्स” या “बैटलग्राउंड स्टेट्स” भी कहा जाता है, वे राज्य हैं जहाँ जनता का समर्थन दोनों पार्टियों के बीच विभाजित रहता है। ये राज्य कभी डेमोक्रेट्स के पक्ष में होते हैं, तो कभी रिपब्लिकन के। पर्पल इसलिए कहा जाता है क्योंकि लाल और नीले रंग का मिश्रण पर्पल होता है। फ्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, और ओहायो जैसे राज्य इस श्रेणी में आते हैं।

पर्पल स्टेट्स में ही क्यों है असली लड़ाई?
पर्पल स्टेट्स में लड़ाई इसलिए अहम होती है क्योंकि यह वे राज्य होते हैं जहां चुनाव का परिणाम तय हो सकता है। चूंकि इन राज्यों में एक समान जन समर्थन दोनों पार्टियों के लिए होता है, इसलिए उम्मीदवारों के लिए यहां पर प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान देना महत्वपूर्ण होता है।

इन राज्यों के वोटर्स अक्सर अपने राजनीतिक झुकाव बदल सकते हैं, और यही कारण है कि यहां पर प्रत्याशी अपनी नीतियों को बेहतर तरीके से पेश करने की कोशिश करते हैं। चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की संभावना इन राज्यों में अधिक होती है, इसलिए दोनों पार्टियां अपने संसाधन, रणनीति, और वक्ता अधिकतर इन्हीं राज्यों पर केंद्रित करती हैं।

क्यों महत्वपूर्ण हैं पर्पल स्टेट्स?
अमेरिकी चुनाव प्रणाली में इलेक्टोरल कॉलेज का बहुत महत्व होता है, जिसमें प्रत्येक राज्य को उसके जनसंख्या के आधार पर एक निश्चित संख्या में “इलेक्टोरल वोट्स” मिलते हैं। जो उम्मीदवार किसी राज्य में अधिक वोट प्राप्त करता है, वह उस राज्य के सारे इलेक्टोरल वोट्स जीत जाता है। इसलिए, अगर कोई उम्मीदवार प्रमुख पर्पल स्टेट्स में जीत दर्ज कर लेता है, तो उसे पूरे चुनाव में निर्णायक बढ़त मिल सकती है। उदाहरण के लिए, फ्लोरिडा और पेंसिल्वेनिया जैसे बड़े पर्पल स्टेट्स में जीतने से किसी भी उम्मीदवार को काफी इलेक्टोरल वोट्स प्राप्त हो सकते हैं, जिससे चुनाव जीतने के आसार काफी बढ़ जाते हैं।

पर्पल स्टेट्स का महत्व क्यों बढ़ता जा रहा है?
अमेरिका की जनसंख्या और राजनीतिक सोच समय के साथ बदल रही है, जिससे कई रेड और ब्लू स्टेट्स भी धीरे-धीरे पर्पल में बदल रहे हैं। इसके चलते, हर चुनाव में नई रणनीतियों और नीतियों की जरूरत पड़ती है। टेक्सास जैसे राज्य, जो पहले रेड स्टेट्स में आते थे, अब कुछ हद तक पर्पल की तरफ झुकाव दिखा रहे हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में और अधिक राज्यों का राजनीतिक संतुलन पर्पल में बदल सकता है, जिससे चुनाव और भी कड़े और रोचक हो सकते हैं।

निष्कर्ष
रेड, ब्लू और पर्पल स्टेट्स अमेरिकी चुनावों के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। जहाँ रेड और ब्लू स्टेट्स परंपरागत रूप से अपनी पसंदीदा पार्टी का समर्थन करते हैं, वहीं पर्पल स्टेट्स में हमेशा कांटे की टक्कर रहती है। पर्पल स्टेट्स को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टियों को विशेष प्रयास और नीतियों में संतुलन बनाना पड़ता है, ताकि वे मतदाताओं का विश्वास जीत सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस का IPO 13 नवंबर से ओपन होगा

नई दिल्ली,जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर,...

जेलेंस्की के कॉल को ट्रंप ने स्पीकर पर डाला! साथ बैठे थे एलन मस्क, 7 मिनट के कॉल में क्या हुआ?

नई दिल्ली,9 नवम्बर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और...

महीने भर बाद PM मोदी ने रतन टाटा को लेकर लिखी एक-एक बात, ‘आपको भूल नहीं पाएंगे…’

नई दिल्ली,9 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा...