नई दिल्ली,- रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी भारत को ICC ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान हैं। दूसरी ओर विराट कोहली हैं। वे कभी कप्तान के तौर पर ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सके। हालांकि, जब चर्चा टेस्ट क्रिकेट की होती है तो बतौर लीडर वे धोनी और रोहित दोनों से मीलों आगे नजर आते हैं।
आज विराट 36 साल के हो गए हैं। इस मौके पर जानते हैं कि रेड बॉल क्रिकेट में उन्होंने किन ऊंचाईयों को छुआ और क्यों आज भी उनकी कप्तानी के कारनामें मिसाल बने हुए हैं।
घर में सभी 11 सीरीज जीतीं धोनी और रोहित दोनों की कप्तानी में भारत को घर में टेस्ट सीरीज में हार झेलनी पड़ी। रोहित की कप्तानी में तो टीम इंडिया को अभी-अभी न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप भी झेलना पड़ा है। कोहली की कप्तानी में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने भारत की जमीन पर 11 टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी की। भारत ने सभी 11 सीरीज अपने नाम कीं।
कोहली ने 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली बार घरेलू मैदान पर कप्तानी की थी। अश्विन और जडेजा के सपोर्ट और कोहली की अटैकिंग फील्ड स्ट्रैटजी से भारत ने 4 टेस्ट की सीरीज 3-0 से जीती। यहां से कोहली की कप्तानी में टीम ने घर सभी टेस्ट सीरीज जीतीं।
7 साल में महज 2 घरेलू टेस्ट गंवाए कोहली की कप्तानी में विदेशी टीमें भारत में टेस्ट ड्रॉ कराने को भी अचीवमेंट मानती थीं। उनकी कप्तानी में भारत ने 7 साल में महज 2 टेस्ट गंवाए, एक 2017 में ऑस्ट्रेलिया से और दूसरा 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ। कोहली की कप्तानी में भारत में 5 टेस्ट ड्रॉ रहे, जिनमें ज्यादातर बार मौसम ने विदेशी टीमों का साथ दिया।
घरेलू मैदान पर कोहली ने क्लीन स्वीप तो दूर, कभी सीरीज हार भी नहीं झेली। इसके उलट, कोहली ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के खिलाफ घर में क्लीन स्वीप किया। न्यूजीलैंड को तो उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2 टेस्ट सीरीज हराई थीं।
विदेश में 16 टेस्ट जीते फुल टाइम कप्तान बनने के बाद कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में चौथा टेस्ट ड्रॉ करा लिया। भारत ने 2-0 से सीरीज गंवाई। यहां के बाद सीधे 2018 में कोहली की कप्तानी में भारत ने SENA देशों यानी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट खेला, जहां भारत ने 7 टेस्ट जीते।
इस बीच भारत ने एशिया और वेस्टइंडीज में बाकी टेस्ट खेले। कोहली ने अपनी कप्तानी में बांग्लादेश, श्रीलंका और वेस्टइंडीज में 13 टेस्ट खेले और 9 में जीत हासिल की। यहां टीम ने महज 1 मैच गंवाया, जबकि 3 टेस्ट ड्रॉ रहे, तीनों में बारिश ने भारत का काम बिगाड़ा। इनमें 2 क्लीन स्वीप भी शामिल हैं।