नई दिल्ली,1 नवम्बर। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत की। दोनों देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर गहन चर्चा की। भारत-अमेरिका संबंधों के लिए यह वार्ता एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर पर सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
इस वार्ता के दौरान जेक सुलिवन और अजीत डोभाल ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा विकास, वैश्विक आतंकवाद, भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग शामिल था। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया, ताकि दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा संबंधों को नई ऊंचाई दी जा सके।
भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता: भारत और अमेरिका दोनों ही भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है।
आतंकवाद और सीमा सुरक्षा: अजीत डोभाल और जेक सुलिवन ने सीमा सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। दोनों देशों के लिए आतंकवाद एक साझा चिंता का विषय है, और इस परिदृश्य में दोनों सुरक्षा सलाहकारों ने अपनी-अपनी रणनीतियों को साझा किया।
द्विपक्षीय रक्षा सहयोग: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग का लगातार विस्तार हो रहा है, और इस बातचीत के दौरान रक्षा प्रौद्योगिकी और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान पर भी जोर दिया गया। भारत-अमेरिका की यह साझेदारी कई सैन्य अभ्यासों और रक्षा परियोजनाओं में दिखाई देती है, जिसे और भी मजबूत करने की दिशा में दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं।
साइबर सुरक्षा और नई तकनीकें: दोनों अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा और नई तकनीकों के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। साइबर हमलों और डिजिटल सुरक्षा के बढ़ते खतरों को देखते हुए दोनों देश इस क्षेत्र में मिलकर काम करने का इच्छुक हैं, ताकि अपनी-अपनी तकनीकी क्षमताओं को साझा करके सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत-अमेरिका संबंधों में नई मजबूती
भारत और अमेरिका के बीच इस वार्ता से यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत साझेदारी के रूप में उभरना चाहते हैं। इस बैठक में चर्चा किए गए मुद्दे यह संकेत देते हैं कि भारत और अमेरिका न केवल आर्थिक और राजनीतिक, बल्कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी अपने सहयोग को अधिक मजबूत करना चाहते हैं।
वैश्विक चुनौतियों का सामना
विश्व के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यह वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालिया समय में अफगानिस्तान, चीन और रूस से उत्पन्न हो रहे सुरक्षा मुद्दों के बीच दोनों देशों की यह बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को और भी सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी। क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों का एकजुट रहना एक सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष
अजीत डोभाल और जेक सुलिवन के बीच हुई यह वार्ता एक स्पष्ट संकेत है कि भारत और अमेरिका अपने सुरक्षा और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत-अमेरिका की यह साझेदारी वैश्विक मंच पर स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।