नई दिल्ली,28 अक्टूबर। भारत-चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाल करने के प्रयास में जल्द ही संयुक्त पेट्रोलिंग शुरू होने जा रही है। अगले 72 घंटे में LAC पर भारत और चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग शुरू होगी, जिसके तहत देपसांग और डेमचोक इलाकों में डिसइंगेजमेंट अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है।
देपसांग-डेमचोक में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव का प्रमुख कारण देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में सैनिकों का आमना-सामना था। पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के सैनिक इन क्षेत्रों में तैनात रहे हैं, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ा है। अब दोनों देशों ने उच्च स्तरीय बातचीत के बाद एक समझौता किया है, जिसके तहत देपसांग और डेमचोक में धीरे-धीरे डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। डिसइंगेजमेंट का यह अंतिम चरण है, जिसमें दोनों सेनाओं को LAC से पीछे हटाया जा रहा है ताकि विवादित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित की जा सके।
पेट्रोलिंग का उद्देश्य
भारत और चीन की सेनाओं की पेट्रोलिंग का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सीमा पर अमन-चैन की स्थापना करना है। पेट्रोलिंग के माध्यम से दोनों सेनाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी प्रकार का उल्लंघन या अनावश्यक तनाव न हो। साथ ही, यह पेट्रोलिंग दोनों देशों के लिए एक संकल्पना है कि वे सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उच्च स्तरीय वार्ता और इसके नतीजे
भारत और चीन के बीच हुए उच्च स्तरीय सैन्य और राजनयिक वार्ताओं के कई दौर के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। इस बातचीत में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई और अंततः दोनों पक्षों ने इस समझौते पर सहमति व्यक्त की कि पेट्रोलिंग के माध्यम से सीमा पर स्थायी शांति स्थापित की जाएगी। यह वार्ता क्षेत्रीय स्थिरता और दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण के संबंध में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सामरिक दृष्टिकोण और चुनौतियाँ
LAC पर पेट्रोलिंग की शुरुआत सामरिक दृष्टि से दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह प्रक्रिया अपने आप में चुनौतियों से भी भरी हुई है। सीमा पर दोनों सेनाओं का मिलकर पेट्रोलिंग करना विभिन्न मुद्दों को हल करने में मदद करेगा, लेकिन इस दौरान दोनों पक्षों को संयम और धैर्य का पालन करना होगा। देपसांग और डेमचोक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियों को संतुलित तरीके से अंजाम देना बेहद जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार का तनाव फिर से न उभरे।
निष्कर्ष
भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। देपसांग-डेमचोक में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया का अंतिम चरण और अगले 72 घंटों में पेट्रोलिंग की शुरुआत सीमा पर स्थायी शांति और सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। इस नई पहल से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का माहौल बन सकता है और LAC पर तनाव की स्थिति में कमी आ सकती है। उम्मीद है कि यह कदम लंबे समय तक दोनों देशों के बीच अमन-चैन को बढ़ावा देगा और अन्य सीमा क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की समझौतों की संभावना को जन्म देगा।