नई दिल्ली,26 अक्टूबर। दिवाली से ठीक पहले भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस अचानक आई गिरावट ने निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ा दी है, और बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के कई प्रमुख कारण हैं जो वैश्विक और घरेलू स्तर पर शेयर बाजार को प्रभावित कर रहे हैं।
क्या है शेयर बाजार में गिरावट का कारण?
अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित वृद्धि की घोषणा ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। इस कदम से अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है, जिससे विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर सीधा पड़ा है और भारी बिकवाली देखने को मिल रही है।
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव: इस समय मध्य पूर्व में बढ़ती सैन्य तनाव और युद्ध जैसी स्थिति भी बाजार में चिंता का विषय बनी हुई है। निवेशक वैश्विक अनिश्चितता से घबराए हुए हैं और अधिक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर जा रहे हैं। इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है।
घरेलू बाजार में उच्च महंगाई: भारत में महंगाई दर में भी इजाफा देखा गया है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति पर असर पड़ा है। इसके अलावा, कंपनियों की आय और लाभ में भी कमी आई है। महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण घरेलू स्तर पर भी बाजार में गिरावट का दबाव बढ़ रहा है।
एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार से भारी मात्रा में पूंजी निकाली है, जिससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। एफआईआई द्वारा की गई भारी बिकवाली ने बाजार में एक नई लहर को जन्म दिया है, जिससे कई ब्लू-चिप कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई है।
निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?
इस समय बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना हुआ है, और विशेषज्ञ निवेशकों को संयम बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे समय में लॉन्ग-टर्म निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में अचानक बदलाव न करने का सुझाव दिया जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में गिरावट अस्थायी है और निवेशकों को सावधानी बरतते हुए अच्छी कंपनियों में बने रहना चाहिए।
दिवाली पर उम्मीदें और बाजार का भविष्य
दिवाली का समय के लिए पारंपरिक रूप से अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कई निवेशक नए निवेश करते हैं। हालांकि, इस बार वैश्विक और घरेलू कारणों से बाजार में अनिश्चितता है। बावजूद इसके, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी और बाजार जल्द ही स्थिर हो सकता है।
निष्कर्ष
दिवाली से पहले आई इस गिरावट ने निवेशकों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, लेकिन विशेषज्ञों की सलाह है कि इस समय सतर्कता और संयम बनाए रखना सबसे जरूरी है।