नई दिल्ली,22 अक्टूबर। हाल ही में लीक हुए अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों से पता चला है कि इजरायल 16 अक्टूबर को ईरान के खिलाफ परमाणु मिसाइल का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा था। इस चौंकाने वाले खुलासे ने वैश्विक राजनीति और सुरक्षा परिदृश्य में हलचल मचा दी है। दस्तावेज़ों के अनुसार, इजरायल ने ईरान के खिलाफ अपने परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए गंभीरता से विचार किया था, जिससे मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध की संभावना उत्पन्न हो सकती थी।
परमाणु मिसाइल और उसकी योजना
खुफिया दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है कि इजरायल अपनी अत्याधुनिक परमाणु मिसाइल का उपयोग करने की योजना बना रहा था। हालाँकि दस्तावेज़ में मिसाइल का नाम स्पष्ट रूप से उजागर नहीं किया गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह इजरायल के जेरिको III मिसाइल सिस्टम का हिस्सा हो सकता है, जो लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल की क्षमता हजारों किलोमीटर तक वार करने की है, और इसे परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अगर इजरायल अपनी इस मिसाइल का इस्तेमाल करता, तो यह न केवल ईरान के खिलाफ एक बड़ा हमला होता, बल्कि इससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में विनाशकारी परिणाम होते। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध पहले से ही युद्ध के कगार पर हैं, और इस तरह की कार्रवाई से एक बड़े युद्ध की शुरुआत हो सकती थी।
लीक दस्तावेज़ों का प्रभाव
इन दस्तावेज़ों के लीक होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हड़कंप मच गया है। दुनिया भर के नेता और विशेषज्ञ इस जानकारी पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यदि यह हमला होता, तो इसका वैश्विक शांति और स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ता। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने भी इस मामले की गहराई से जांच करने की मांग की है और इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह के किसी भी कदम से बचा जाना चाहिए।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव
इजरायल और ईरान के बीच कई वर्षों से तनावपूर्ण संबंध हैं। ईरान की परमाणु कार्यक्रम को लेकर इजरायल पहले भी चिंता जताता रहा है और ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए उसने कई बार आक्रामक नीति अपनाई है। इजरायल को हमेशा से डर रहा है कि अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित कर लेता है, तो वह इजरायल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
लीक दस्तावेज़ों के बाद, अंतरराष्ट्रीय मंच पर इजरायल की निंदा की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने शांति और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की है। ईरान ने भी इस खुलासे के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। इस मामले ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि वे इजरायल के नजदीकी सहयोगी माने जाते हैं।
निष्कर्ष
अमेरिकी खुफिया दस्तावेज़ों से लीक हुई यह जानकारी एक बड़ा खुलासा है, जो मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता था। इजरायल का ईरान के खिलाफ परमाणु मिसाइल हमले की योजना एक बेहद खतरनाक कदम साबित हो सकता था, जो न केवल इस क्षेत्र, बल्कि पूरे विश्व को युद्ध की चपेट में ला सकता था। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले को कैसे सुलझाता है और शांति स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।