इजराइल ,18 अक्टूबर। इजराइल पर 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले का मास्टरमाइंड हमास चीफ याह्या सिनवार मारा गया है। इजराइल के PM बेंजामिन नेतन्याहू और विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने गुरुवार रात को सिनवार की मौत की पुष्टि की। नेतन्याहू ने वीडियो मैसेज में कहा- “हमने हिसाब चुकता कर दिया, लेकिन जंग अभी जारी है।”
दरअसल इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने 16 अक्टूबर को रूटीन ऑपरेशन में दक्षिणी गाजा की एक इमारत पर हमला किया था। इसमें हमास के 3 सदस्यों के मारे जाने की खबर आई। बाद में पता चला कि इनमें से एक याह्या सिनवार है।
सोशल मीडिया पर इसके फोटो वायरल हुए। इसमें उसके चेहरे, दांत और घड़ी से दावा किया गया कि मारा गया शख्स याह्या सिनवार है। सिनवार की मौत की जांच के लिए DNA टेस्ट किया गया।
जंग शुरू होने के एक साल 16 दिन में सिनवार का खात्मा 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर 3 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इसके अलावा कई सौ लड़ाके इजराइल में घुसे थे, जिन्होंने कई इजराइलियों को मारा और 200 से ज्यादा को बंधक बना लिया था। इसी दिन से इजराइल ने सिनवार की तलाश शुरू कर दी थी। सिनवार को मारने के लिए इजराइल ने कई कोशिशें की थीं।
इनमें कामयाबी नहीं मिल सकी थी। 23 सितंबर को भी सिनवार की मौत का दावा किया गया था। बाद में वह गलत साबित हुआ। आखिरकार सिनवार जंग शुरू होने के एक साल 9 दिन के भीतर 16 अक्टूबर को मारा गया।
इजराइल ने सिनवार के मारे जाने से पहले का ड्रोन फुटेज जारी किया इजराइली सेना ने सिनवार से जुड़ा एक ड्रोन फुटेज जारी किया है। इसमें सिनवार के आखिरी पल दिखाए गए हैं। वह बर्बाद हो चुके अपार्टमेंट में धूल से भरे एक सोफा पर बैठा है। उसका सिर और चेहरा स्कार्फ से ढका हुआ है। ड्रोन के नजदीक आने पर वह अपनी छड़ी फेंक उसे भगाने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है।
इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि सिनवार राफा के ताल अल-सुल्तान इलाके में छिपा था। जब ये फुटेज ली जा रही थी, तब हमें पता नहीं था कि वह सिनवार है। उसके हाथ में गोली लगी थी और वह घायल था। हमें लगा था कि वो कोई आम हमास लड़ाका है। इसके बाद IDF ने इमारत पर बमबारी की, जिससे उसकी मौत हो गई।
बाद में शवों की जांच के दौरान पता चला कि वह सिनवार है। हगारी ने कहा कि उसके पास से बुलेटप्रूफ जैकेट, ग्रेनेड और 40,000 इजराइली करेंसी मिली। CNN के मुताबिक, सिनवार आखिरी समय में जिस इलाके में रह रहा था, वह इजराइली हमले से लंबे समय तक अछूता रहा। 28 अगस्त को यहां पहली बार IDF ने हमला किया था।