चंडीगढ़,17 अक्टूबर। हरियाणा में नायब सैनी को नया सीएम (CM) बनाया गया है. पंचकूला में नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) प्रदेश के नए मुखिया के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. पंचकूला के सेक्टर-5 में दशहरा ग्राउंड में यह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के अलावा, 18 प्रदेशों के सीएम और डिप्टी सीएम (Deputy CM) भी पहुंचे हैं. मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार, नितिन गडकरी सहित कई नेता मौके पर मौजूद रहे. नायब सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के सीएम बन गए हैं. सीएम सहित कुल 14 मंत्रियों ने शपथ ली है. अनिल विज ने सबसे पहली शपथ ली. महिला कोटे से को विधायकों को मंत्री बनाया गया है.
दरअसल, बुधवार को पंचकूला में भाजपा विधायक दल की मीटिंग हुई और नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया. इस मीटिंग में अमित शाह और मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे थे. उधर, गुरुवार सुबह 8 बजे नायब सैनी भगवान वाल्मीकि मंदिर जाएंगे और यहां पर मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे. पंचकूला के सेक्टर 12-ए में यह वाल्मीकि मंदिर है. बता दें कि गुरुवार वाल्मीकि जयंती भी है.
जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण जेन साव, विजय शर्मा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मंत्री मनोहर लाल खट्टर, एमपी के सीएम मोहन लाल यादव और जेपी नड्डा सहित बड़े बड़े नेता शामिल होंगे.
पीएम चंडीगढ़ में करेंगे लंच
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 18 राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल होंगे. कुल 34 मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पंचकूला पहुंचेंगे.इसके अलावा, बीजेपी शासित प्रदेशों के साथ साथ एनडीए घटक दलों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री आएंगे. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को रिसीव करने के लिए भाजपा के एक कार्यकर्ता और एक अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है. शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग करेंगे. चंडीगढ़ के 5 सितारा होटल में बैठक होगी और यहां पर सभी लंच करेंगे.
अनिल विज, हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख और ताकतवर नेता के रूप में जाने जाते हैं। सैनी सरकार के पहले कार्यकाल में भी अनिल विज की भूमिका बेहद अहम रही थी, और अब 2.0 सरकार में उनकी स्थिति और अधिक सशक्त होने की उम्मीद है। विज को पहले स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके आक्रामक अंदाज और बेबाक रवैये के लिए जाना जाता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें इस बार भी एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है, और वे नई सरकार में एक अहम पद पर बने रह सकते हैं।
कौन-कौन से विधायक होंगे मंत्रिमंडल में शामिल?
नवगठित मंत्रिमंडल को लेकर कई नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बार सरकार में अनुभवी विधायकों के साथ-साथ कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है, जो सरकार के प्रति नई ऊर्जा और दृष्टिकोण ला सकें। यह माना जा रहा है कि सैनी सरकार 2.0 का मंत्रिमंडल समाज के विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों का संतुलित प्रतिनिधित्व करेगा, ताकि सभी समुदायों को संतुष्ट किया जा सके।
महिला नेताओं की भागीदारी
सैनी सरकार के पिछले कार्यकाल में महिला नेताओं की भूमिका सीमित थी, लेकिन इस बार इस पहलू पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, जिससे राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सके।
क्षेत्रीय संतुलन पर ध्यान
हरियाणा जैसे विविध राज्य में क्षेत्रीय संतुलन बेहद महत्वपूर्ण होता है। सरकार के गठन के दौरान मुख्यमंत्री सैनी और उनकी टीम ने सुनिश्चित किया है कि हरियाणा के सभी प्रमुख क्षेत्रों—जैसे जाटलैंड, दक्षिण हरियाणा, और उत्तरी क्षेत्र—को उचित प्रतिनिधित्व मिले। यह संतुलन न केवल राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे विभिन्न क्षेत्रों की विकास की आवश्यकताओं को भी सही तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
आगे की राह
सैनी सरकार 2.0 के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें बेरोजगारी, शिक्षा, और ग्रामीण विकास प्रमुख मुद्दे हैं। नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद, सरकार को इन मुद्दों पर तेजी से काम करने की आवश्यकता होगी। जनता की उम्मीदें सरकार से ऊँची हैं, और सैनी सरकार को एक बार फिर जनता का विश्वास जीतने के लिए ठोस और प्रभावी नीतियों को लागू करना होगा।
निष्कर्ष
हरियाणा में सैनी सरकार 2.0 का गठन राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय खोलने जा रहा है। नए मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी, यह तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ हो रही है, लेकिन एक बात तय है—सरकार के सामने आने वाले समय में विकास और सुशासन की बड़ी चुनौतियाँ होंगी। अनिल विज और अन्य प्रमुख नेताओं की भूमिका को लेकर जनता में उत्सुकता बनी हुई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सैनी सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है।