‘ये बूढ़ा अभी नहीं रुकेगा, चाहे 84 साल का हो जाऊं या 90 का’: गरजे शरद पवार

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नई दिल्ली,15 अक्टूबर। महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर अपने राजनीतिक हौसले और जोश का प्रदर्शन किया है। हाल ही में उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, “ये बूढ़ा अभी नहीं रुकेगा, चाहे 84 साल का हो जाऊं या 90 का।” शरद पवार का यह बयान न केवल उनके समर्थकों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ है, बल्कि विपक्ष को भी एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि वह राजनीति से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं रखते।

पवार का जोश और जज्बा
84 साल के शरद पवार भारतीय राजनीति के उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने दशकों तक देश और महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित किया है। उनके राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व कौशल को देखते हुए वह अक्सर “महाराष्ट्र का राजनीतिक शिल्पकार” कहे जाते हैं। पवार ने अपने लंबे करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा और सक्रियता आज भी राजनीति में नए नेताओं को चुनौती देती है।

उनके इस बयान ने यह साफ कर दिया कि उम्र उनके लिए केवल एक संख्या है, और वह राजनीति में सक्रिय रहते हुए अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। उनके इस जोश ने उनके समर्थकों में नई ऊर्जा भर दी है और विरोधियों के लिए यह संकेत दिया है कि शरद पवार अभी भी राजनीति में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

विपक्ष पर हमला और पार्टी के भीतर एकता का संदेश
पवार का यह बयान तब आया है जब उनकी पार्टी, एनसीपी, भीतरी मतभेदों और विभाजन का सामना कर रही है। उनके भतीजे अजीत पवार ने एनसीपी के एक धड़े को लेकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया है, जिससे पार्टी में बिखराव की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि, शरद पवार ने इन परिस्थितियों में भी मजबूती से पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश की है।

उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि वह अपने विरोधियों को यह बताना चाहते हैं कि पार्टी को कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए, और वह व्यक्तिगत रूप से पार्टी के भविष्य के लिए हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

राजनीति में शरद पवार की भूमिका
शरद पवार भारतीय राजनीति के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में उनका योगदान अपार है। वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किए। कृषि सुधार और सहकारिता क्षेत्र में उनके योगदान को बड़े पैमाने पर सराहा जाता है।

उनकी पार्टी, एनसीपी, राज्य और केंद्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति रही है, और उनकी राजनीतिक सोच ने महाराष्ट्र में कई सरकारों को आकार दिया है। पवार का यह कहना कि वह अब भी सक्रिय रहेंगे, इस बात का संकेत है कि वह आने वाले वर्षों में भी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं।

निष्कर्ष
शरद पवार का यह बयान कि “ये बूढ़ा अभी नहीं रुकेगा” न केवल उनके राजनीतिक जीवन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है, बल्कि उनके जीवट और साहस को भी उजागर करता है। 84 साल की उम्र में भी उनका हौसला और जज्बा राजनीति में उनके निरंतर योगदान का प्रतीक है। पवार का यह संदेश उनके समर्थकों और विपक्ष दोनों के लिए स्पष्ट है—उम्र कोई बाधा नहीं है, और वह राजनीति के मैदान में लंबे समय तक बने रहेंगे।

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