कोलकाता,15 अक्टूबर। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के विरोध में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। 5 अक्टूबर से जारी आमरण अनशन का आज 10वां दिन है।
14 अक्टूबर को एक और डॉक्टर की हालत बिगड़ने के बाद उसे CCU में भर्ती करवाया गया। अब तक 4 डॉक्टरों की भूख हड़ताल के कारण तबीयत बिगड़ चुकी है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर सुनवाई करेगा। 30 सितंबर की सुनवाई में CJI की बेंच ने नेशनल टास्क फोर्स से केस की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
उधर, TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने भूख हड़ताल को लेकर विवादित बयान दिया। कल्याण ने इसे अस्पताल में भर्ती होने का अनशन कहा था।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। इसे लेकर डॉक्टरों ने 42 दिन तक देशभर में प्रदर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी थी स्टेटस रिपोर्ट पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने CBI से पूछाथा कि आरजी कर जांच प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है। CJI ने जांच के दायरे में आए लोगों के नामों की लिस्ट भी अदालत को सौंपने का भी निर्देश दिया था। 14 अक्टूबर को सीनियर एडवोकेट इंदिरा जय सिंह ने मांग की थी कि मामला गंभीर हो गया है, इसलिए इसकी जल्द सुनवाई की जाए। जिस पर कोर्ट ने इसे आज के लिए लिस्ट करने कहा था।
कल्याण बनर्जी का तंज- यह अनशन असली नहीं TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने डॉक्टरों की हड़ताल पर सवाल उठाते हुए कहा- यह किस तरह की भूख हड़ताल है? यह विरोध स्थल से शुरू होती है और अस्पताल में भर्ती होने के बाद खत्म होती है। हम जानते हैं कि भूख हड़ताल आमरण अनशन है, अस्पताल में भर्ती होने का अनशन नहीं। ये डॉक्टर जो कर रहे हैं, वह अस्पताल में भर्ती होने का अनशन है। क्या उनके पेट में बस इतनी ही आग है?
TMC सांसद ने भूख हड़ताल की समय-सीमा पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि यह धरना स्थल से शुरू होकर अस्पताल में खत्म होती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों का मुख्य लक्ष्य मीडिया का ध्यान आकर्षित करना और अस्पताल में भर्ती होना था।
मीटिंग के बाद डॉक्टर बोले- अहंकारी हो गई है ममता सरकार सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक हुई, जो बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई।मीटिंग से बाहर आने के बाद पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ. कौशिक ने कहा, ‘कुछ नहीं हुआ, रिजल्ट जीरो। 10 दिन हो गए हैं, 4 डॉक्टर ICU में हैं और एक बहुत बीमार है। हमने सरकार से उन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बात करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे देखेंगे, उन्हें अनुमति की आवश्यकता होगी। वे अहंकारी हो रहे हैं।’