नई दिल्ली,12 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से 10 अक्टूबर तक 11.25 लाख करोड़ रुपए का नेट डायरेक्ट टैक्स वसूला है। इसमें कॉर्पोरेट टैक्स 4.94 लाख करोड़ रुपए और पर्सनल इनकम टैक्स 5.98 लाख करोड़ रुपए है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक साल पहले इसी समय (10 अक्टूबर 2023 तक) 9.51 लाख करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स कलेक्ट किया था। सालाना आधार पर इसमें 18.35% की बढ़ोतरी हुई है।
2.31 लाख करोड़ रुपए का रिफंड भी जारी किया
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस दौरान 2.31 लाख करोड़ रुपए का रिफंड भी जारी किया है। यह पिछले साल की इसी अवधी के मुकाबले 46% ज्यादा है।
पिछले साल 10 अक्टूबर तक सरकार ने 1.58 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया था।
सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 22.07 लाख करोड़ रुपए डायरेक्ट टैक्स से जरिए जुटाने का टारगेट रखा है।
डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में अंतर?
जो टैक्स सीधे आम आदमी से वसूला जाता है उसे डायरेक्ट टैक्स कहते हैं। डायरेक्ट टैक्स में कॉरपोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स आता है। शेयर या दूसरे संपत्तियों पर लगने वाला टैक्स भी डायरेक्ट टैक्स कहलाता है। जो टैक्स सीधे आम जनता से नहीं लिया जाता, लेकिन उसकी वसूली भी आम जनता से ही होती है, उसे इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, GST शामिल हैं।
पहले देश में कई प्रकार के इनडायरेक्ट टैक्स होते थे। लेकिन 1 जुलाई 2017 से सभी प्रकार इनडायरेक्ट टैक्स को GST में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, पेट्रोलियम पदार्थों और शराब पर लगने वाले टैक्स को अभी GST के दायरे से बाहर रखा गया है। टैक्स कलेक्शन को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों को दर्शाने वाला माना जाता है। भारत में इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अच्छा रहा है।