महादेव बेटिंग ऐप केस: भारतीय एजेंसियों को बड़ी सफलता, मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर पर शिकंजा कसा

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नई दिल्ली,11 अक्टूबर।महादेव बेटिंग ऐप केस में भारतीय एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले के मास्टरमाइंड और कंपनी के मालिक सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल की मदद से घेरने में एजेंसियों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यह मामला भारतीय कानूनों के तहत अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें चंद्राकर की प्रमुख भूमिका सामने आई है।

महादेव बेटिंग ऐप: एक अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क
महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी के लिए किया जा रहा था। यह ऐप सट्टेबाजों और ग्राहकों के बीच एक कड़ी का काम करता था, जिससे अवैध रूप से पैसा कमाया जाता था। भारतीय कानूनों के तहत सट्टेबाजी गैरकानूनी है, और इस ऐप का संचालन भी कानून का उल्लंघन करता था। इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों पर सट्टेबाजी के जरिए भारी मुनाफा कमाना था।

सौरभ चंद्राकर: मामले का मास्टरमाइंड
सौरभ चंद्राकर, जो महादेव बेटिंग ऐप का मालिक है, इस पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। चंद्राकर ने इस ऐप के जरिए लाखों लोगों को सट्टेबाजी में फंसाया और अवैध धन कमाया। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उसने इस नेटवर्क के जरिए कई करोड़ रुपये का लेन-देन किया।

इंटरपोल की मदद से गिरफ्तारी
भारतीय एजेंसियों ने इंटरपोल की मदद से सौरभ चंद्राकर पर शिकंजा कसने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, ताकि उसे पकड़ा जा सके और भारतीय न्यायिक प्रक्रिया के तहत उस पर कार्रवाई हो सके। इस कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि चंद्राकर को जल्द ही भारत लाया जाएगा और उससे पूछताछ की जाएगी।

मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनियों का जाल
इस मामले में सट्टेबाजी के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी हैं। सौरभ चंद्राकर और उसकी टीम ने अवैध धन को सफेद बनाने के लिए फर्जी कंपनियों और खातों का इस्तेमाल किया। इस प्रक्रिया के जरिए उसने काले धन को विभिन्न तरीकों से सफेद किया और उसे निवेश और व्यापार में लगाया। भारतीय एजेंसियां अब इन फर्जी कंपनियों और खातों की भी जांच कर रही हैं।

भारतीय एजेंसियों की भूमिका
भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियां इस केस की जांच कर रही हैं और लगातार इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कस रही हैं। कई अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, और उनसे पूछताछ की जा रही है। सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी इस मामले की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जिससे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

निष्कर्ष
महादेव बेटिंग ऐप केस भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है, लेकिन अब इस केस में सौरभ चंद्राकर जैसे मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी से मामला मजबूत होता नजर आ रहा है। यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक सख्त संदेश है, जिससे आने वाले समय में इस तरह के नेटवर्कों पर लगाम लगाई जा सकेगी। भारतीय एजेंसियों की इस सफलता से उम्मीद की जा रही है कि मामले के बाकी कड़ियों को भी जल्द ही सुलझाया जाएगा।

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