कोलकाता ,11 अक्टूबर।कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के विरोध में 7 ट्रेनी डॉक्टर 6 अक्टूबर से अनशन पर बैठे हुए हैं। गुरुवार रात ट्रेनी डॉक्टर अनिकेत महतो की कंडीशन क्रिटिकल हो गई है। अनिकेत को आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में ही एडमिट किया गया।
आरजी कर की क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) इन्चार्ज डॉ. सोमा मुखोपाध्याय ने बताया कि अनिकेत को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल लाया गया था। उसकी हालत गंभीर है। उसे ऑक्सीजन और अन्य उपकरण लगाए गए हैं। वह पिछले कुछ दिनों से पानी भी नहीं पी रहा था। 5 सदस्यीय टीम नजर रखे हुए है।
एक जूनियर डॉक्टर देबाशीष हल्दर ने बताया कि भूख हड़ताल कर रहे 6 अन्य जूनियर डॉक्टरों के स्वास्थ्य में भी गिरावट हो रही है। जरूरत को देखते हुए हमने सारे इक्विपमेंट्स तैयार रखे हैं।
आरजी कर अस्पताल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। 9 अगस्त को विक्टिम की बॉडी मेडिकल कॉलेज में मिली थी। इसके अगले दिन से जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था।
राज्य सरकार ने डॉक्टरों की मांगें नहीं मानी। जिसके चलते डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर की शाम से भूख हड़ताल शुरू की। इसमें 9 डॉक्टर शामिल हैं, आज भूख हड़ताल का छठवां दिन है।
ममता सरकार ने 4 डॉक्टर भेजे, उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया
भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार शाम को 4 विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम को भूख हड़ताल वाली जगह पर भेजा था। टीम में मौजूद दीप्तेंद्र सरकार ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि चूंकि डॉक्टरों ने 5 दिन से कुछ नहीं खाया, इसलिए इनके हेल्थ पैरामीटर्स कम हो गए हैं। हम उनके माता-पिता की तरह हैं। हमने उन्हें सुझाव दिया है कि तबीयत ज्यादा बिगड़ने से पहले वे अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मुख्य सचिव के साथ मीटिंग बेनतीजा
मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों के एक दल ने 9 अक्टूबर को करीब 2 घंटे तक मीटिंग की। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। जूनियर डॉक्टर बोले- राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के बाद मांगों के बारे में सोचने की बात कही है। हमारे साथी 4 दिन से भूख हड़ताल पर हैं, हमें ऐसी कठोरता की उम्मीद नहीं थी।
साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में हुई इस बैठक में राज्य भर के मेडिकल कॉलेज के लगभग 20 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। देवाशीष हलधर ने कहा कि मुख्य सचिव ने परिसरों में सुरक्षा उपायों को लागू करने के मामले में राज्य की तरफ से उठाए गए कदम के बारे में पुरानी बातें ही दोहराईं। बाकी मांगों के बारे में सरकार ने कोई लिखित निर्देश जारी करने या उसके लिए समय सीमा बताने से भी इनकार कर दिया।