नई दिल्ली,11 अक्टूबर। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया और अपने संबोधन के दौरान भारत और आसियान देशों के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और क्वाड समूह के अन्य सदस्यों के साथ भी मुलाकात की, जो भारत की वैश्विक कूटनीति और सहयोग को मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण रही।
आसियान-भारत साझेदारी पर जोर
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और आसियान के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग सिर्फ व्यापार और अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि सुरक्षा, सामरिक साझेदारी, और तकनीकी विकास में भी इसका महत्व है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया, जहां दोनों पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं।
हिंद-प्रशांत में सुरक्षा और स्थिरता
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान देशों के साथ सहयोग को और बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समृद्धि का केंद्र है, और इसलिए इसमें शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। मोदी ने कहा कि भारत आसियान देशों के साथ सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह साझा सुरक्षा और विकास के उद्देश्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
क्वाड समूह के साथ बैठक
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और क्वाड समूह के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। क्वाड समूह में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं, और यह समूह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मुलाकात के दौरान वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर चर्चा की गई, जिनमें समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल थे।
ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों पर चर्चा
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत में दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक संबंधों पर भी जोर दिया गया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार और रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है, और दोनों नेता इस संबंध को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए। इसके अलावा, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की गई।
निष्कर्ष
21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और क्वाड समूह के नेताओं के साथ मुलाकात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा है। इस दौरान न केवल भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की स्थिति को और मजबूत किया गया। क्वाड समूह के साथ बातचीत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को और अधिक सशक्त किया।