नई दिल्ली,9 अक्टूबर। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में हाल ही में कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी की और हरियाणा में कांग्रेस की हार से महाराष्ट्र कांग्रेस को सबक लेने की सलाह दी। शिवसेना का कहना है कि कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) या अन्य छोटे दलों को नजरअंदाज किया, जिससे उनकी हार का प्रमुख कारण बना।
संपादकीय में शिवसेना ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी दलों का एकजुट होना आज के राजनीतिक परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण है। हरियाणा में कांग्रेस की कमजोरी और आप जैसे दलों के साथ तालमेल न बिठाने की गलती को शिवसेना ने महाराष्ट्र की कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी माना है। उनका मानना है कि यदि महाराष्ट्र कांग्रेस भी इसी प्रकार व्यवहार करती है और अन्य विपक्षी दलों के साथ एक मजबूत गठबंधन नहीं बनाती, तो इसका खामियाजा उसे भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।
शिवसेना ने यह भी कहा कि आज की राजनीति में केवल अकेले बड़े दलों की ताकत काफी नहीं है। यदि विपक्षी दल मिलकर चुनाव में लड़ते हैं, तो ही सत्तारूढ़ दलों को चुनौती दी जा सकती है। हरियाणा का उदाहरण देते हुए, शिवसेना ने संकेत दिया कि कांग्रेस को स्थानीय और क्षेत्रीय दलों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों का मुकाबला किया जा सके।
यह संपादकीय महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आता है, जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है ताकि भाजपा और अन्य सत्तारूढ़ दलों को कड़ी चुनौती दी जा सके।