इजरायली ,8 अक्टूबर। 7 अक्टूबर 2024 की रात को इजरायली एयरस्ट्राइक में हिज्बुल्लाह के एक प्रमुख नेता, सुहैल हुसैन हुसैनी की मौत हो गई। हुसैनी, जो हिज्बुल्लाह के लॉजिस्टिकल हेडक्वार्टर का प्रमुख था, बेरूत में एक सटीक हवाई हमले का शिकार हुआ। यह घटना क्षेत्रीय संघर्षों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में इस घटना के बाद और भी बढ़ोतरी की आशंका है।
हमले का विवरण
इजरायली सेना ने बेरूत में स्थित हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर लक्षित एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया, जिसमें हुसैनी की मौत की पुष्टि हुई है। सुहैल हुसैन हुसैनी हिज्बुल्लाह की लॉजिस्टिकल सप्लाई और हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी संभालता था। यह हवाई हमला रात के समय हुआ, और इजरायली रक्षा बलों (IDF) द्वारा इसे हिज्बुल्लाह के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव
हिज्बुल्लाह, जो कि एक लेबनानी शिया आतंकवादी संगठन है, इजरायल के साथ लंबे समय से संघर्ष में शामिल है। पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आया है, और यह हवाई हमला इस संघर्ष में एक नई कड़ी जोड़ता है। इजरायल लंबे समय से हिज्बुल्लाह को अपने सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानता रहा है, क्योंकि यह संगठन लेबनान के साथ लगने वाली इजरायली सीमाओं पर अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश करता रहा है।
हुसैनी की मौत का प्रभाव
सुहैल हुसैन हुसैनी की मौत हिज्बुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका है। वह संगठन के लॉजिस्टिकल नेटवर्क का प्रमुख था और उसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती थी। उसके नेतृत्व में, हिज्बुल्लाह ने हथियारों और रसद की एक सशक्त प्रणाली विकसित की थी, जो संगठन की सैन्य ताकत को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती थी। उसकी मौत से हिज्बुल्लाह की रसद आपूर्ति और संचालन में अस्थिरता आ सकती है, जिससे संगठन की युद्ध क्षमता कमजोर हो सकती है।
इजरायल की रणनीति
इजरायल के लिए यह हवाई हमला सिर्फ एक और सैन्य ऑपरेशन नहीं है, बल्कि यह हिज्बुल्लाह के खिलाफ उसकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। इजरायल लगातार हिज्बुल्लाह के ठिकानों और उसके सहयोगियों को निशाना बनाता रहा है, ताकि इस संगठन की सैन्य क्षमताओं को कमजोर किया जा सके। हिज्बुल्लाह की रसद प्रणाली को कमजोर करना इस रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इससे संगठन की सैन्य आपूर्ति चेन पर गंभीर असर पड़ सकता है।
क्षेत्रीय प्रतिक्रिया
हुसैनी की मौत पर हिज्बुल्लाह की प्रतिक्रिया आक्रामक हो सकती है। संगठन ने अतीत में भी अपने नेताओं की हत्या के बाद इजरायल पर हमले किए हैं। इस घटना के बाद लेबनान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ सकता है और भविष्य में दोनों के बीच सीधा संघर्ष होने की संभावना भी बनी हुई है।
लेबनान में हिज्बुल्लाह समर्थकों के बीच इस घटना से आक्रोश फैलने की आशंका है। सुहैल हुसैन हुसैनी जैसे प्रमुख नेता की मौत संगठन के लिए एक बड़ा नुकसान है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हिज्बुल्लाह इस हमले के जवाब में क्या कदम उठाता है।
निष्कर्ष
सुहैल हुसैन हुसैनी की मौत ने मध्य पूर्व के पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में और अधिक तनाव पैदा कर दिया है। इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष में यह हवाई हमला एक और अध्याय जोड़ता है। हिज्बुल्लाह को अपने लॉजिस्टिकल नेटवर्क की बहाली के लिए समय और संसाधन खर्च करने पड़ेंगे, जबकि इजरायल इस घटना को अपनी सुरक्षा रणनीति की एक बड़ी सफलता के रूप में देख रहा है। अब यह देखना बाकी है कि इस घटना के बाद क्षेत्रीय राजनीति और संघर्ष कैसे आकार लेते हैं।