इजरायल और हमास के बीच एक साल से जारी जंग: मध्य पूर्व में बढ़ता संघर्ष

Date:

नई दिल्ली,7 अक्टूबर। इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास के बीच चल रहे संघर्ष को एक साल हो चुका है, और इस बीच युद्ध की आग मध्य पूर्व के कई अन्य देशों तक फैल चुकी है। यह संघर्ष केवल गाजा तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि इजरायल ने दक्षिणी लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में भी हमले किए हैं, जहां से हमास और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

इस युद्ध ने न केवल इजरायल और हमास के बीच बल्कि पूरे मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। दक्षिणी लेबनान से हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों ने भी इजरायल पर रॉकेट हमले किए हैं, जिसके जवाब में इजरायली सेना ने वहां भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। इसी तरह, सीरिया में भी इजरायली सेना ने हवाई हमले किए, जहां ईरान समर्थित गुट सक्रिय हैं।

गाजा पर इजरायल की बमबारी ने इलाके में भारी विनाश किया है। हमास द्वारा किए गए हमलों का जवाब देते हुए इजरायल ने गाजा की कई इमारतों और ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे नागरिकों की बड़ी संख्या में जानें गईं। गाजा में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी, बिजली कटौती, और पानी की उपलब्धता पर गंभीर संकट छाया हुआ है।

इस जंग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और यूरोपीय देशों ने इस संघर्ष को रोकने और शांति स्थापित करने के प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है, जबकि कुछ देशों ने फिलिस्तीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की है।

मध्य पूर्व के अन्य देशों पर भी इस युद्ध का असर पड़ रहा है। ईरान और सऊदी अरब जैसे देश अलग-अलग पक्षों का समर्थन कर रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और अधिक बढ़ रहा है। ईरान, जहां हमास और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों का समर्थन करता है, वहीं सऊदी अरब और कुछ अन्य खाड़ी देश इजरायल के साथ अपने कूटनीतिक संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

इस जंग के एक साल बाद भी कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है। शांति वार्ताएं ठप पड़ी हैं, और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल अपने क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठा रहा है, जबकि हमास और अन्य आतंकी गुट इसे जारी रखने पर अड़े हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब भी इस प्रयास में है कि कैसे इस लंबे और भयावह संघर्ष को समाप्त किया जाए। लेकिन अभी के हालात देखते हुए ऐसा लगता है कि यह संघर्ष जल्द समाप्त होने वाला नहीं है, और इसके परिणामस्वरूप मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों में भी अस्थिरता फैलने की संभावना बनी हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस का IPO 13 नवंबर से ओपन होगा

नई दिल्ली,जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर,...

जेलेंस्की के कॉल को ट्रंप ने स्पीकर पर डाला! साथ बैठे थे एलन मस्क, 7 मिनट के कॉल में क्या हुआ?

नई दिल्ली,9 नवम्बर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और...

महीने भर बाद PM मोदी ने रतन टाटा को लेकर लिखी एक-एक बात, ‘आपको भूल नहीं पाएंगे…’

नई दिल्ली,9 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा...