नई दिल्ली,5 अक्टूबर। राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में बेहद कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के तीन सफल उड़ान परीक्षण किए। इससे पहले फरवरी, 2024 और सितंबर, 2022 में भी ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण रेंज से इसी तरह की मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए गए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को हालिया परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना को चौथी पीढ़ी की VSHORADS (वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम) मिसाइलों के परीक्षण के लिए बधाई दी।
उन्होंने X लिखा, DRDO ने पोखरण में तकनीकी रूप से उन्नत चौथी पीढ़ी की VSHORADS प्रणाली के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किए। आधुनिक तकनीक से लैस यह नई मिसाइल आर्म्ड फोर्सेज को हवाई खतरों के खिलाफ और अधिक तकनीकी मजबूती देगी।
क्या है VSHORADS
यह एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे रिसर्च सेंटर इमरत (RCI), हैदराबाद ने DRDO और भारतीय कंपनियों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मिसाइल में छोटे रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) और इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सहित कई नई टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
भारत ने इसी साल मई में स्वेदशी रुद्रम-II एयर-टु-ग्राउंड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। ओडिशा के तट से सुखोई-30 MK-I फाइटर प्लेन से इसे लॉन्च किया गया। DRDO की बनाई 350 किमी की स्ट्राइक रेंज वाली ये मिसाइल नई जेनेरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जो जमीन पर बने दुश्मन के सर्विलांस, कम्युनिकेशन, रडार और कमांड और कंट्रोल सेंट्रर्स को नष्ट कर सकती है।
यह लॉन्चिंग से पहले और उसके बाद भी टारगेट को लॉक कर सकती है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, फ्लाइट टेस्ट में इसके सभी रेंज ट्रेकिंग इंस्ट्रूमेंट जैसे- इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलिमेट्री स्टेशन पर नजर रखी गई। इसकी सभी तकनीकों का प्रदर्शन अच्छा रहा।