नई दिल्ली,4 अक्टूबर।शेयर बाजार में बीते कारोबारी दिन की भारी गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। अगर यह गिरावट इसी तरह बढ़ती रही तो शुक्रवार का दिन ‘ब्लैक फ्राइडे’ के रूप में दर्ज हो सकता है। बीते दिन बाजार में बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, और कई सेक्टर में निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
बीते दिन की गिरावट का असर
गुरुवार के कारोबारी दिन में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही भारी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में चल रही आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों में संभावित वृद्धि और डॉलर की मजबूती को माना जा रहा है। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने भी भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बनाया है।
गुरुवार को सेंसेक्स करीब 600 अंक नीचे बंद हुआ, जबकि निफ्टी ने भी महत्वपूर्ण स्तरों को तोड़ते हुए कमजोरी दिखाई। आईटी, बैंकिंग, मेटल और रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली।
ब्लैक फ्राइडे की आशंका
निवेशकों के मन में यह डर बैठ गया है कि अगर शुक्रवार को भी बाजार में इस तरह की गिरावट जारी रही तो यह दिन ‘ब्लैक फ्राइडे’ के नाम से जाना जाएगा। ब्लैक फ्राइडे वह दिन होता है जब बाजार में भारी बिकवाली के कारण बहुत बड़ा नुकसान होता है। इससे पहले भी कई बार शेयर बाजार में ब्लैक फ्राइडे जैसे दिन देखे गए हैं, जब वैश्विक और घरेलू संकटों के चलते शेयर बाजार धड़ाम से नीचे गिरा था।
वैश्विक और घरेलू कारक
बाजार में इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार हैं। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की अटकलें और चीन की आर्थिक सुस्ती ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा की है। इसके अलावा, मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक तनावों का भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
वहीं, घरेलू स्तर पर रुपये की कमजोरी, बढ़ती महंगाई और सरकारी नीतियों में बदलाव की अटकलों ने भी निवेशकों के मनोबल को कमजोर किया है। निवेशकों को डर है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो बाजार में और गिरावट हो सकती है।
निवेशकों के लिए चेतावनी
इस समय विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे जल्दबाजी में किसी भी प्रकार की बिकवाली से बचें। हालांकि, गिरावट के समय निवेशकों का मनोबल टूटना स्वाभाविक है, लेकिन बाजार में इस तरह की उतार-चढ़ाव भरी परिस्थितियाँ आम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाले शेयरों में धैर्य से निवेश जारी रखने से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
निवेश की रणनीति
इस समय निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और ऐसे शेयरों में निवेश करें जो मजबूत बुनियादी सिद्धांतों पर खरे उतरते हों। लंबी अवधि के निवेशक इस गिरावट को एक अवसर के रूप में देख सकते हैं। इसके अलावा, बाजार में अस्थिरता के कारण निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति को पुनः सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है और अगर शुक्रवार को भी यह स्थिति बनी रही, तो यह दिन ‘ब्लैक फ्राइडे’ के नाम से दर्ज हो सकता है। निवेशकों के लिए यह समय धैर्य और सतर्कता का है। बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव को समझदारी से संभालने की जरूरत है, ताकि भविष्य में अच्छे रिटर्न की संभावना बनी रहे।