सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक हटाने से किया इनकार, स्टे जारी रहेगा

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नई दिल्ली,2 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बुलडोजर एक्शन पर लगाया गया स्टे जारी रहेगा और इस मामले पर अंतिम फैसला बाद में सुनाया जाएगा। यह निर्णय उन मामलों के संदर्भ में आया है जहां सरकारी एजेंसियों द्वारा अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग किया जा रहा था, जिसे लेकर कई जगह विरोध और कानूनी लड़ाइयाँ चल रही हैं।

क्या है मामला?
हाल के समय में विभिन्न राज्यों में सरकारी और नगर निगम की एजेंसियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। खासतौर पर, कई विवादास्पद मामलों में यह देखा गया कि बुलडोजर कार्रवाई के तहत गरीबों और कमजोर वर्गों के घरों को भी निशाना बनाया गया। इसे लेकर मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की और अदालत में इसे चुनौती दी।

विरोधियों का आरोप है कि यह कार्रवाई राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है और इसका उपयोग खास वर्गों को निशाना बनाने के लिए हो रहा है। इन मामलों में कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कुछ जगहों पर बुलडोजर एक्शन पर अस्थायी रोक लगाई थी, जिसे अब हटाने की मांग की जा रही थी।

सुप्रीम कोर्ट की दो-टूक
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि बुलडोजर एक्शन पर लगी रोक को हटाने का कोई सवाल नहीं उठता। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों की दलीलों पर गहराई से विचार करना होगा।

कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब तक मामले की पूरी सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक बुलडोजर एक्शन पर स्टे जारी रहेगा। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया के तहत सभी पक्षों को निष्पक्षता से सुनने और संतुलित निर्णय लेने की जरूरत को दर्शाता है।

प्रभावित पक्षों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद प्रभावित पक्षों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे कमजोर वर्गों और गरीबों की जीत मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी एजेंसियों का कहना है कि यह फैसला अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

विरोध करने वाले पक्षों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह न्याय का समर्थन करता है। वहीं, सरकार का पक्ष यह है कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाना सार्वजनिक हित में जरूरी है, और इस कार्रवाई को राजनीतिक रंग देना अनुचित है।

भविष्य की राह
सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है और आगे की सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि कोर्ट क्या निर्णय लेती है। इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ेगी।

बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय देशभर के अतिक्रमण मामलों के लिए नज़ीर बन सकता है। भविष्य में इसी तरह के अन्य मामलों में भी यह फैसला महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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