नई दिल्ली,30 सितम्बर। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की महासभा (यूएनजीए) में भारत की प्रतिनिधि भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके बयान पर कड़ा जवाब दिया। शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर कई तरह के आरोप लगाए, जिसमें कश्मीर विवाद और मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा प्रमुख था। इसके जवाब में मंगलनंदन ने पाकिस्तान की नीतियों और आंतरिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह देश केवल सेना और आतंकवाद के सहारे चल रहा है, और अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगाता रहता है।
पाकिस्तान का आतंकवाद और नशीले पदार्थों से संबंध
भाविका मंगलनंदन ने विशेष रूप से पाकिस्तान के आतंकवाद और नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल होने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सरकार और सेना का आतंकवादी संगठनों के साथ सीधा संबंध है, और यह देश पूरी दुनिया में आतंकवाद का निर्यातक बन चुका है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को उसकी नीतियों और गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
कश्मीर मुद्दे पर भी जवाब
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान द्वारा लगातार झूठे आरोप लगाए जाने पर मंगलनंदन ने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि कश्मीर पर उसका दावा कोई आधार नहीं रखता, और वह इसे केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए उठाता रहता है। भारत हमेशा से कश्मीर में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है, जबकि पाकिस्तान वहां हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
भारत की मजबूत स्थिति
मंगलनंदन ने भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आज एक मजबूत और विश्वसनीय शक्ति बन चुका है। उन्होंने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह अपनी अंदरूनी समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दे, जैसे कि आर्थिक अस्थिरता, मानवाधिकार हनन, और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए, बजाय इसके कि वह भारत पर दोषारोपण करे।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
मंगलनंदन के इस साहसिक और सटीक जवाब की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी सराहना की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति और पाकिस्तान को उसकी नीतियों के लिए जिम्मेदार ठहराने के महत्व को उजागर किया।
निष्कर्ष
यूएन महासभा में भाविका मंगलनंदन द्वारा दिया गया यह जवाब न केवल भारत की कूटनीतिक सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात को मजबूती से रखने में सक्षम है। पाकिस्तान को अपनी नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने झूठे आरोपों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, ताकि वह अपने देश की वास्तविक समस्याओं का समाधान कर सके।