मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का बयान: ‘इंडिया आउट’ कैंपेन से इनकार, विदेशी सैन्य मौजूदगी पर चिंता

Date:

मालदीव ,28 सितम्बर। मालदीव के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में भारत विरोधी ‘इंडिया आउट’ कैंपेन से अपना स्पष्ट इनकार किया है। उन्होंने यह साफ किया कि मालदीव और भारत के संबंध सौहार्दपूर्ण और दोस्ताना बने रहेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके देश को किसी भी विदेशी सैन्य मौजूदगी से समस्या है, जो मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

‘इंडिया आउट’ अभियान पर स्पष्टीकरण:
राष्ट्रपति मुइज्जू का यह बयान तब आया जब मालदीव में कुछ वर्गों द्वारा भारत विरोधी ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को बढ़ावा दिया जा रहा था, जिसमें भारतीय सैन्य उपस्थिति के खिलाफ विरोध जताया जा रहा था। मुइज्जू ने इस कैंपेन से खुद को और अपनी सरकार को अलग करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य भारत के साथ संबंधों को बिगाड़ना नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मालदीव और भारत के बीच हमेशा घनिष्ठ और सहयोगी संबंध रहे हैं, और उनका प्रशासन इस मित्रता को और मजबूत करेगा।

विदेशी सैन्य मौजूदगी पर आपत्ति:
राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह स्पष्ट किया कि मालदीव किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति का विरोध करता है, चाहे वह भारत की हो या किसी अन्य देश की। उन्होंने कहा कि मालदीव एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, और उसे अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा खुद करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि विदेशी सैनिकों की मौजूदगी मालदीव की स्वायत्तता और स्वतंत्रता के लिए हानिकारक हो सकती है।

भारत-मालदीव संबंध:
भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। भारत ने हमेशा मालदीव को आर्थिक, तकनीकी, और सुरक्षा सहायता प्रदान की है, खासकर जब मालदीव को आपदाओं या अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। दोनों देशों के बीच समुंद्र सुरक्षा, व्यापार, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी गहरा सहयोग है। मुइज्जू ने कहा कि वे इस साझेदारी को बनाए रखने और इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भविष्य की दिशा:
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का यह रुख बताता है कि वे भारत के साथ सकारात्मक और संतुलित संबंध बनाए रखने के पक्षधर हैं, लेकिन साथ ही वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मालदीव की संप्रभुता और सुरक्षा पर कोई बाहरी हस्तक्षेप न हो। मुइज्जू की यह नीति दोनों देशों के बीच एक स्वस्थ और मजबूत सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकती है, जिसमें पारस्परिक सम्मान और हितों का ध्यान रखा जाएगा।

निष्कर्ष:
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का ‘इंडिया आउट’ कैंपेन से इनकार और विदेशी सैन्य उपस्थिति पर चिंता यह दर्शाता है कि वे अपने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्राथमिकता देने के साथ-साथ भारत के साथ अच्छे संबंधों को भी बनाए रखना चाहते हैं। यह मालदीव और भारत के बीच भविष्य में एक स्थिर और मजबूत साझेदारी का संकेत है, जो दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस का IPO 13 नवंबर से ओपन होगा

नई दिल्ली,जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर,...

जेलेंस्की के कॉल को ट्रंप ने स्पीकर पर डाला! साथ बैठे थे एलन मस्क, 7 मिनट के कॉल में क्या हुआ?

नई दिल्ली,9 नवम्बर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और...

महीने भर बाद PM मोदी ने रतन टाटा को लेकर लिखी एक-एक बात, ‘आपको भूल नहीं पाएंगे…’

नई दिल्ली,9 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा...