महाराष्ट्र ,25 सितम्बर। बदलापुर में नर्सरी की दो बच्चियों के साथ यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा- हम कैसे मान लें कि 4 अफसर एक आरोपी को संभाल नहीं पाए। हथकड़ी भी लगी थी, अगर सेल्फ डिफेंस जैसी स्थिति थी तो आरोपी के पैर पर गोली चलाते हैं।
अक्षय के पिता ने एनकाउंटर पर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच सुनवाई कर रही है। अक्षय के पिता ने एनकाउंटर की जांच के लिए कोर्ट से स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (SIT) बनाने की मांग की है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के सवाल, राज्य सरकार का जवाब… कोर्ट: जो अफसर अक्षय शिंदे को ले जा रहा था वो ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच से था? राज्य सरकार: जी। कोर्ट: जिस जगह घटना हुई, वो जगह खाली थी या फिर आसपास कॉलोनी और मकान थे? राज्य सरकार: दाईं ओर पहाड़ियां थीं और बाईं तरफ एक छोटा सा कस्बा था। जैसे ही यह घटना हुई उसके तुरंत बाद अक्षय और घायल पुलिसवाले को अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट: किस अस्पताल ले गए, वो कितनी दूर था? राज्य सरकार: कलवा के करीब शिवाजी हॉस्पिटल। करीब 25 मिनट का रास्ता था। सबसे करीब अस्पताल यही था। कोर्ट: जब इतने गंभीर अपराध के आरोपी को ले जा रहे थे तो लापरवाही कैसे हो सकती है। SOP क्या है, क्या उसे हथकड़ी लगी थी? राज्य सरकार: लगी थी, उसने पानी मांगा था। कोर्ट: क्या आपने पिस्टल के फिंगर प्रिंट लिए थे? राज्य सरकार: FSL ने फिंगर प्रिंट लिए थे। कोर्ट: आप कह रहे हैं कि आरोपी ने 3 गोलियां चलाई थीं, पुलिस जवान को एक गोली लगी, बाकी 2 कहां गईं? आमतौर पर सेल्फ डिफेंस में हम पैर या हाथ पर गोली मारते हैं? राज्य सरकार: अफसर ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, उसने खाली रिएक्ट किया। कोर्ट: हम कैसे मान लें कि गाड़ी में 4 अफसर थे और एक आरोपी को संभाल नहीं पाए? राज्य सरकार: यह ऑन द स्पॉट रिएक्शन था। कोर्ट: क्या इसे टाला नहीं जा सकता था? पुलिस ट्रेन होती है। आम आदमी भी यह जानता है कि सेल्फ डिफेंस में पैर पर गोली मारी जाती है? अफसर की डेजिग्नेशन क्या है, जिसने आरोपी को गोली मारी? राज्य सरकार: वो एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) है।