उत्तर प्रदेश,23 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पति-पत्नी ने ‘थेरेपी’ के जरिए लोगों को फिर से जवान करने का झांसा देकर करीब 35 करोड़ रुपये की ठगी की। इस धोखाधड़ी के मामले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोगों को सतर्क कर दिया है कि कैसे फर्जी इलाज और झूठे दावों के जरिए उनके साथ ठगी की जा सकती है।
क्या था ठगी का तरीका?
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कपल ने एक क्लिनिक खोला था और दावा किया कि उनके पास ऐसी थेरेपी है जिससे लोग फिर से जवान हो सकते हैं। उन्होंने उम्र बढ़ने से संबंधित समस्याओं को हल करने और झुर्रियों को कम करने जैसे झूठे वादों के साथ लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। इनका दावा था कि उनकी थेरेपी से शरीर की बायोलॉजिकल उम्र कम की जा सकती है और लोग पहले की तरह तरोताजा और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।
इस कपल ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का सहारा लेकर अपने क्लिनिक का प्रचार किया। उन्हें सफलता तब मिली जब कुछ हाई-प्रोफाइल और अमीर लोग उनकी बातों में आ गए और थेरेपी के लिए भारी रकम देने लगे। ठगी का यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा, जिससे उन्होंने 35 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जुटा ली।
लोगों को कैसे फंसाया गया?
इस कपल ने अपने क्लिनिक में आने वाले ग्राहकों को महंगे पैकेज ऑफर किए, जिसमें विशेष थेरेपी, दवाइयाँ और क्रीम शामिल थीं। इन पैकेजों की कीमत लाखों रुपये में थी। ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें पहले कुछ दिखावटी सुधार या उपचार दिए गए, ताकि वे आगे और पैसा खर्च करने को तैयार हो जाएं। इसके बाद, वे लोग जिनसे मोटी रकम वसूल ली गई थी, असल में कोई बदलाव महसूस नहीं कर रहे थे।
धोखाधड़ी का यह जाल इतना मजबूत था कि कई लोगों को तब तक ठगा गया, जब तक कि उन्हें अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ। जब ठगे गए लोगों ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करना शुरू किया, तब पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और इस पति-पत्नी की खोजबीन में जुट गई। आरोप है कि दोनों आरोपित अब फरार हैं, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस की जांच से यह भी पता चला है कि इस कपल का अतीत भी संदिग्ध है और वे पहले भी कई अन्य धोखाधड़ी के मामलों में संलिप्त हो चुके हैं।
पुलिस अब उन सभी ठगे गए लोगों से संपर्क कर रही है, जिन्होंने इस थेरेपी के नाम पर बड़ी रकम गंवाई है। इसके साथ ही, पुलिस उस संपत्ति को भी जब्त करने की प्रक्रिया में जुटी है, जिसे इस कपल ने अवैध रूप से अर्जित किया था।
नकली थेरेपी उद्योग का बढ़ता खतरा
यह मामला सिर्फ कानपुर का नहीं है, बल्कि पूरे देश में नकली इलाज और फर्जी थेरेपी के जरिए लोगों को ठगने के कई मामले सामने आ चुके हैं। लोगों की उम्र बढ़ने से जुड़ी चिंताओं का फायदा उठाकर ऐसे कई फर्जीवाड़े सामने आते रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से लोगों को आगाह किया है कि वे किसी भी थेरेपी या इलाज को अपनाने से पहले उसकी सच्चाई और प्रमाणिकता को अच्छी तरह से जांच लें।
निष्कर्ष
कानपुर में हुए इस ठगी कांड ने यह साफ कर दिया है कि लोग अपनी शारीरिक और सौंदर्य समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से नकली और अवैज्ञानिक उपायों की ओर झुक रहे हैं, जिससे ठगों को ठगी का मौका मिल रहा है। इस मामले ने पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क किया है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए और जनता को जागरूक किया जाए।