नई दिल्ली,23 सितम्बर। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) के महाराष्ट्र प्रमुख और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जलील ने आरोप लगाया कि राज्य में 60 एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने अब तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की निष्क्रियता चिंताजनक है और वे जल्द ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस मामले पर सवाल-जवाब करेंगे।
एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न होने पर सवाल
इम्तियाज जलील ने कहा कि इतने सारे एफआईआर होने के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता गंभीर मुद्दा है। उन्होंने पूछा, “अगर इतनी संख्या में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, तो आखिर पुलिस कार्रवाई करने में इतनी सुस्त क्यों है? क्या पुलिस किसी दबाव में है, या फिर किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है?”
उनका यह बयान उस समय आया है जब राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर तनाव बढ़ने के बाद। जलील का मानना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब
इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि वे जल्द ही राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि कार्रवाई में इतनी देरी क्यों हो रही है। उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कानून व्यवस्था को बरकरार रखा जा सके।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
AIMIM नेता का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उनके अनुसार, यदि पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो जनता में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में निष्क्रियता से केवल अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं और समाज में अस्थिरता पैदा होती है।
राजनीतिक माहौल में गर्मी
महाराष्ट्र की राजनीति में इम्तियाज जलील का यह बयान नए सवाल खड़े कर रहा है। AIMIM का हमेशा से ही राज्य में एक खास वर्ग का समर्थन रहा है, और जलील के इस तीखे बयान से उनकी पार्टी के समर्थकों में एक नई उम्मीद जग सकती है कि उनके मुद्दों पर आवाज उठाई जाएगी।
इम्तियाज जलील का यह बयान राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्म कर सकता है, क्योंकि पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाना हमेशा से ही एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या कार्रवाई होती है।