नई दिल्ली,21 सितम्बर। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि कंपनियों द्वारा शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान तब नहीं किया जा सकता जब शेयरधारकों के बैंक विवरण गलत या उपलब्ध नहीं होते। इस स्थिति में कंपनियों को चेक भेजने की आवश्यकता होती है, जो प्रक्रिया को और जटिल बना देता है।
सेबी के इस निर्देश का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शेयरधारकों को उनके अधिकारों का सही और समय पर भुगतान मिले। कई बार, गलत बैंक विवरण या जानकारी की अनुपलब्धता के कारण कंपनियों को लाभांश का भुगतान करने में कठिनाई होती है। ऐसे मामलों में, कंपनी को चेक जारी करना पड़ता है, जो कि एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और कई बार शेयरधारकों के लिए असुविधाजनक भी हो सकती है।
सेबी ने शेयरधारकों को सलाह दी है कि वे अपनी बैंक डिटेल्स को नियमित रूप से अपडेट करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही हो। इससे न केवल उन्हें लाभांश का समय पर भुगतान मिलेगा, बल्कि यह प्रक्रिया को भी सुगम बनाएगा।
कंपनियों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे शेयरधारकों को आवश्यक जानकारी समय पर प्रदान करें और उन्हें इस संबंध में जागरूक करें। इसके अतिरिक्त, सेबी ने यह भी निर्देशित किया है कि कंपनियों को अपने सिस्टम में उचित बदलाव करने चाहिए, ताकि वे शेयरधारकों की जानकारी को आसानी से प्रबंधित कर सकें।
इस पहल का उद्देश्य निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें बेहतर सेवा प्रदान करना है। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना होगा कि उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारी कितनी महत्वपूर्ण है, और इसके सही तरीके से प्रबंधन से उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने में मदद मिलेगी।
सेबी का यह कदम निश्चित रूप से शेयर बाजार में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह निवेशकों को अपने वित्तीय अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी एक प्रयास है। इस प्रकार की चेतावनियों और निर्देशों का पालन करके, निवेशक अपनी धनराशि को सुरक्षित रख सकते हैं और लाभांश का समय पर लाभ उठा सकते हैं।