नई दिल्ली,21 सितम्बर। इस सप्ताह की शुरुआत में, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से आतिशी को सत्तारूढ़ विधायक दल का नेता चुना गया। यह निर्णय पार्टी के अंदर की एकता और विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
बैठक में, विधायकों ने पार्टी के नए मंत्रिपरिषद के गठन पर भी चर्चा की। गोपाल राय, जो पहले से ही पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं, को नए मंत्रिपरिषद में एक प्रमुख भूमिका दी गई है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने दिल्ली में कई महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किया है।
आतिशी की अध्यक्षता में, विधायक दल ने दिल्ली की समस्याओं और विकासात्मक योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। आतिशी, जो शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रही हैं, ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनकी प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य, और नागरिक सुविधाओं को सुधारना है।
आप के नेता ने बैठक में यह भी बताया कि पार्टी आने वाले चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुटता की अपील की और कहा कि सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
इस बैठक के दौरान, विधायकों ने एक-दूसरे के विचारों का सम्मान किया और आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया। यह एकजुटता पार्टी की आगामी योजनाओं के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
आम आदमी पार्टी का यह निर्णय न केवल पार्टी के अंदर एकता का प्रतीक है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा देने की भी उम्मीद जगाता है। आतिशी के नेतृत्व में, पार्टी का उद्देश्य है कि वे दिल्ली के विकास में और भी अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों की यह बैठक पार्टी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और सभी की निगाहें अब नई मंत्रिपरिषद के कार्यों और योजनाओं पर होंगी।