लेबनान में बम विस्फोटों के बाद नसरल्लाह का इजरायल के खिलाफ युद्ध का एलान

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लेबनान ,20 सितम्बर। लेबनान में हाल ही में हुए धड़ाधड़ बम विस्फोटों के बाद, हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने इजरायल की इस करतूत को जंग का एलान करार दिया। नसरल्लाह ने कहा कि इजरायल ने अपने अतिक्रमणकारी और आक्रामक कार्यों से पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है और इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना आवश्यक है।

बम विस्फोटों का घटनाक्रम

गुरुवार को लेबनान के विभिन्न हिस्सों में कई बम विस्फोट हुए, जिससे जनता में भारी दहशत फैल गई। इन विस्फोटों में कई लोग घायल हुए और नागरिक क्षेत्रों को गंभीर नुकसान पहुंचा। यह घटनाएं ऐसे समय में हुईं जब क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पहले से ही तनावपूर्ण थी, और इन विस्फोटों ने चिंता को और बढ़ा दिया है।

नसरल्लाह का भाषण

अपने संबोधन में, नसरल्लाह ने इजरायल को चेतावनी दी कि यदि वह अपनी आक्रामकता से बाज नहीं आया, तो इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हम इजरायल के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होंगे। यह हमारे लिए सिर्फ एक राजनीतिक चुनौती नहीं है, बल्कि हमारी सुरक्षा और अस्तित्व का सवाल है।”

उन्होंने यह भी कहा कि हिज्बुल्लाह तैयार है और किसी भी प्रकार के खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। नसरल्लाह ने लोगों से एकजुट रहने और हिज्बुल्लाह के समर्थन में खड़े होने की अपील की, ताकि कोई भी खतरा मिलकर सामना किया जा सके।

क्षेत्रीय प्रतिक्रिया

नसरल्लाह के इस भाषण के बाद क्षेत्र में कई देशों की प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तनाव बढ़ता है, तो यह पूरे मध्य पूर्व में युद्ध की स्थिति पैदा कर सकता है। वहीं, अन्य देश इस स्थिति को शांत करने के लिए मध्यस्थता का प्रयास कर रहे हैं।

विश्लेषकों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि नसरल्लाह का यह संबोधन केवल इजरायल के खिलाफ नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करने का भी प्रयास है। लेबनान की आंतरिक राजनीति में हिज्बुल्लाह की स्थिति को मजबूत करने के लिए इस तरह के भाषणों की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

लेबनान में हो रहे बम विस्फोटों और नसरल्लाह के युद्ध के एलान ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। यह स्पष्ट है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सक्रियता से काम करना होगा। जैसे-जैसे घटनाक्रम आगे बढ़ेंगे, यह देखना होगा कि क्या दोनों पक्षों के बीच बातचीत और सहमति की कोई संभावना बनती है, या फिर संघर्ष की इस चिंगारी से बड़ा आगजनी होता है।

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