नई दिल्ली,20 सितम्बर। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे के बीच, अगर हम भारतीय प्रधानमंत्रियों के इतिहास पर नजर डालें, तो हमें पता चलता है कि पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू अपने कार्यकाल के दौरान 4 बार विदेश यात्रा पर गए थे। नेहरू का कार्यकाल 1947 से 1964 तक रहा, और उन्होंने विश्व के कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
जवाहर लाल नेहरू का विदेश दौरा
नेहरू ने अपने पहले कार्यकाल में विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण यात्राएं कीं। उन्होंने 1949 में अमेरिका, 1950 में यूके, 1955 में बांग्लादेश और 1960 में सोवियत संघ का दौरा किया। उनके दौरों ने न केवल भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ किया, बल्कि उन्होंने विकासशील देशों के साथ भी भारत के संबंधों को मजबूती दी।
अन्य प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्राएं
इसके बाद आने वाले प्रधानमंत्रियों ने भी विदेश यात्रा को प्राथमिकता दी। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्रियों ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विदेश यात्रा की। इनमें से अटल बिहारी वाजपेयी की पाकिस्तान यात्रा 1999 में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नई दिशा दी।
प्रधानमंत्री मोदी का वैश्विक दृष्टिकोण
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को और भी मजबूती से स्थापित किया है। उनके कार्यकाल में, उन्होंने कई देशों का दौरा किया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज को बुलंद किया है। उनका ‘संपर्क, सहयोग और विकास’ का मंत्र विदेश नीति में एक नया आयाम जोड़ता है।
निष्कर्ष
भारतीय प्रधानमंत्रियों के विदेश दौरों ने हमेशा देश की राजनीतिक और आर्थिक दिशा को प्रभावित किया है। पीएम मोदी का हालिया दौरा इस कड़ी का एक नया अध्याय है, जो भारत के बढ़ते प्रभाव और उसके वैश्विक संबंधों की कहानी को आगे बढ़ाता है। भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री के विदेश दौरे हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं, और भविष्य में भी यह परंपरा जारी रहेगी।