नई दिल्ली,19 सितम्बर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के तहत भारत पहली बार मानव को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में एक दिन तक लगातार धरती का चक्कर लगाना है। इसके लिए ISRO ने खास तैयारियां की हैं, जिसमें अंतरिक्ष यान की निगरानी 24×7 की जाएगी।
गगनयान मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ISRO ने ऑस्ट्रेलिया के कोकोस (कीलिंग) आइलैंड पर एक विशेष ट्रैकिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। यह स्टेशन अंतरिक्ष यान की हर गतिविधि पर नजर रखेगा और पृथ्वी के चारों ओर उसकी कक्षा में चक्कर लगाने के दौरान वास्तविक समय में डेटा प्रदान करेगा। इस ट्रैकिंग स्टेशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गगनयान मिशन के दौरान कोई भी तकनीकी या संचार संबंधी समस्या न हो और मिशन सफलतापूर्वक अपने सभी चरणों को पूरा कर सके।
गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता होगी, और ISRO ने इसके लिए विशेष जीवन रक्षक तंत्र तैयार किया है। अंतरिक्ष यान को ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह एक दिन तक पृथ्वी की कक्षा में रह सके और फिर सुरक्षित रूप से वापस आ सके।
ट्रैकिंग स्टेशन की स्थापना के साथ, ISRO अंतरिक्ष यान की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी रीयल-टाइम में प्राप्त कर सकेगा। इस निगरानी प्रणाली से मिशन को सफलतापूर्वक नियंत्रित और निर्देशित किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल कदम उठाया जा सकेगा।
गगनयान मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम की पहली उड़ान होगी। ISRO की यह पहल न केवल भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले देशों के चुनिंदा क्लब में शामिल करेगी, बल्कि देश की विज्ञान और तकनीकी क्षमताओं को भी विश्व स्तर पर मजबूत करेगी।
गगनयान मिशन के तहत ISRO के वैज्ञानिकों की कोशिश रहेगी कि मिशन को पूरी तरह से सुरक्षित और सफल बनाया जाए। इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे अंतरिक्ष में शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना कर सकें।
इस मिशन से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी, और ISRO के इस ऐतिहासिक प्रयास से देश को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक नई पहचान मिलेगी।