नई दिल्ली, दुनिया की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग UEFA चैंपियंस लीग मंगलवार से शुरू हो रही है। 6 साल से ज्यादा की प्लानिंग, एक फेल प्रपोजल और सुपर लीग लॉन्चिंग की विफलता के बाद चैंपियंस लीग नए फॉर्मेट से एक्शन में दिखेगी।
6 साल में प्रतिष्ठित क्लबों ने लीग की आयोजनकर्ता यूरोपियन यूनियन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (UEFA ) पर बदलाव के लिए दबाव डाला, जिससे यूरोपियन फुटबॉल में उथल-पुथल मच गई। नतीजतन क्लबों को वह सब मिला, जो वे चाहते थे। मसलन अधिक टीमें, ज्यादा मैच और वे भी मजबूत कॉम्पटीटर के खिलाफ, भरपूर पैसा।
अब 32 टीमों की जगह 36 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिनके बीच 189 मैच खेले जाएंगे। पिछले सीजन तक 125 मैच होते थे। प्रत्येक टीम 6 की बजाय 8 मैच खेलेगी। वो भी तीन विरोधी नहीं बल्कि 8 विरोधियों के खिलाफ। यूरोप को नया क्लब चैम्पियन अगले साल 31 मई को म्यूनिख के एलियांज एरिना पर मिलेगा।
प्राइज मनी 25% बढ़ी, विजेता को 1500 करोड़ से ज्यादा मिलेंगे यूएफा ने 36 क्लबों के लिए प्राइज पूल में 2.8 बिलियन डॉलर (करीब 23 हजार 500 करोड़ रुपए) की प्राइज मनी रखी है, जो पिछले सीजन की तुलना में 25% ज्यादा है। विजेता को 177 मिलियन डॉलर (करीब 1490 करोड़ रुपए) से ज्यादा मिलने की उम्मीद है।
- प्रत्येक टीम को हिस्सा लेने के लिए करीब 172 करोड़ रुपए मिलेंगे। लीग फेज में प्रति मैच जीत के लिए 19 करोड़ रुपए और प्रति ड्रॉ के लिए 6.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
- हर नॉकआउट राउंड में आगे बढ़ने पर टीम को बोनस के रूप में 100 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी। टीमों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड और नेशनल व ग्लोबल ब्रॉडकास्ट डील के आधार पर करीब 8 हजार करोड़ रुपए का एक्सट्रॉ प्राइज फंड भी दिया जाता है।
टॉप-8 टीमें सीधे प्री-क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी सभी 36 टीमों को एक ही लीग स्टैंडिंग में ऊपर से नीचे तक स्थान दिया गया है, जो कि जनवरी में समाप्त होगी। जबकि पहले ग्रुप राउंड के मैच होते थे, जो दिसंबर में समाप्त होते थे। जनवरी तक होने वाला लीग राउंड काफी सरल है। हर टीम को 8 मैच खेलने हैं, जिसमें 4 होम व 4 अवे। टीम को जीत पर तीन अंक व ड्रॉ पर एक अंक मिलेगा। नॉकआउट राउंड में पहुंचना थोड़ा जटिल है।
UEFA के अनुसार, टीमों को नॉकआउट की रेस में बने रहने के लिए अधिकतम 8 अंक चाहिए। 29 जनवरी को जो भी टीमें टेबल में टॉप-8 में रहेंगी, वे सीधे प्री क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लेंगी, जहां उन्हें 1 से 8 तक की वरीयता दी जाएगी। नौवें से 24वें स्थान पर रहने वाली टीमें फरवरी में नॉकआउट प्लेऑफ राउंड में प्रवेश करेंगी। 9 से 16 नंबर तक की टीमें सीडेड होंगी, जबकि 17 से 24 तक की टीमें अनसीडेड। स्टैंडिंग में सबसे नीचे की 12 टीमें बाहर हो जाएंगी।