संयुक्त राष्ट्र का आरोप: सूडान की लड़ाई में विदेशी शक्तियाँ बढ़ा रही हैं तनाव

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नई दिल्ली,13 सितम्बर। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने हाल ही में एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अफ्रीकी देश सूडान में चल रही भीषण लड़ाई में विदेशी शक्तियाँ स्थिति को और अधिक जटिल बना रही हैं। यूएन का दावा है कि ये विदेशी प्लेयर्स सूडान की आग में घी डाल रहे हैं, जिससे देश में हिंसा और अस्थिरता बढ़ रही है। यह लड़ाई पिछले साल अप्रैल में तब शुरू हुई जब सूडान के दो प्रमुख सैन्य जनरलों के बीच सत्ता संघर्ष छिड़ गया।

सूडान में संकट की पृष्ठभूमि
पिछले साल अप्रैल 2023 में सूडान में राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य संघर्ष का एक नया अध्याय शुरू हुआ जब देश के दो प्रमुख सैन्य नेताओं—जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (RSF) के नेता जनरल मोहम्मद हमदान डगालो—के बीच सत्ता पर कब्जे के लिए टकराव शुरू हो गया। यह संघर्ष तेजी से हिंसक हो गया और सूडान के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही का कारण बना।

सूडान पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक संघर्षों से जूझ रहा था, लेकिन इस सैन्य संघर्ष ने स्थिति को और बदतर कर दिया। सूडान के विभिन्न क्षेत्रों में आम नागरिकों पर हो रहे हमलों, बमबारी, और हिंसा ने देश को गृहयुद्ध की कगार पर ला दिया है।

संयुक्त राष्ट्र का आरोप
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि सूडान में जारी इस हिंसा को और बढ़ाने में विदेशी शक्तियों की भी भूमिका है। यूएन के अनुसार, कुछ विदेशी देशों और समूहों द्वारा इस संघर्ष में हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो दोनों सेनाधिकारियों को हथियारों और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। इससे न केवल संघर्ष लंबा खिंच रहा है, बल्कि सूडान के आम नागरिकों की स्थिति भी खराब होती जा रही है।

यूएन ने इस बात पर जोर दिया कि इस संघर्ष में शामिल विदेशी तत्व सूडान की स्थिति को सुधारने के बजाय उसे और खराब कर रहे हैं। इससे देश में मानवीय संकट गहरा रहा है, और हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं या विस्थापित हो चुके हैं।

विदेशी हस्तक्षेप का प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विदेशी शक्तियों के इस संघर्ष में शामिल होने से सूडान के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और बढ़ गई है। हथियारों की आपूर्ति और आर्थिक सहायता से दोनों पक्षों को अधिक ताकत मिल रही है, जिससे उनका संघर्ष और घातक हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप सूडान की जनता को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है।

हथियारों की आपूर्ति: यूएन ने आरोप लगाया कि कई बाहरी ताकतें सूडान में हथियारों की आपूर्ति कर रही हैं, जो संघर्ष को और भीषण बना रही है। इन हथियारों से न केवल सैनिक मारे जा रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों की भी जानें जा रही हैं।
आर्थिक सहायता: कुछ विदेशी शक्तियाँ आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं, जिससे संघर्षरत गुटों को लंबे समय तक लड़ाई जारी रखने की ताकत मिल रही है। इससे सूडान की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर बुरा असर पड़ रहा है।
मानवाधिकार संकट
संयुक्त राष्ट्र ने सूडान में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। हिंसा के कारण हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और उन्हें बुनियादी जरूरतों, जैसे पानी, भोजन और दवाइयों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। यूएन के मुताबिक, सूडान में महिलाओं और बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें सबसे ज्यादा हिंसा और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे सूडान में हो रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करें और उन विदेशी तत्वों पर दबाव डालें जो इस संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। यूएन ने कहा है कि इस संघर्ष को खत्म करने के लिए एक राजनयिक और शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है, ताकि सूडान के लोगों को स्थिरता और शांति मिल सके।

निष्कर्ष
सूडान में जारी संघर्ष ने देश को मानवीय संकट के दौर में धकेल दिया है, और विदेशी शक्तियों का इसमें हस्तक्षेप स्थिति को और बिगाड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने सूडान में हो रहे इस संघर्ष को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से त्वरित और सशक्त कार्रवाई की अपील की है। इस संकट का समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष मिलकर शांति और स्थिरता की दिशा में काम करें, और विदेशी हस्तक्षेप को समाप्त किया जाए।

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