नई दिल्ली,5 सितम्बर। दिल्ली शराब नीति केस में गुरुवार को अरविंद केजरीवाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जमानत नियम और जेल अपवाद है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया को जमानत देते वक्त इसी कोर्ट ने यह बात कही थी।
केजरीवाल ने CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ और जमानत के लिए याचिका दी है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है।
उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं हैं। उन्हें 2 बार रिलीज भी किया जा चुका है। उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। CBI की ओर से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि गिरफ्तारी के मामले में केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।
CBI ने आरोप लगाया था कि शराब नीति से मिले पैसे से आम आदमी पार्टी (AAP) को फायदा हुआ है। केजरीवाल शुरू से ही शराब नीति बनाने और लागू करने की साजिश में शामिल थे। CBI का पक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू रख रहे हैं।
केजरीवाल की जमानत पर सिंघवी की 4 दलीलें..
1. यह अनोखा मामला है। PMLA के सख्त नियमों के बावजूद केजरीवाल को 2 बार जमानत दे दी गई। CBI केस में जमानत क्यों नहीं मिल सकती है।
2. CBI ने दलील दी है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपी खुद को दोषी बता दे।
3. अदालत को सिर्फ 3 सवालों पर ध्यान देना है। पहला- क्या केजरीवाल के भाग जाने का खतरा है? दूसरा- क्या वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं? तीसरा- क्या केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं?
4. केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं।
CBI की ओर से एसवी राजू की 6 दलीलें
1. सिंघवी सिर्फ चुनिंदा बातें कर रहे हैं, जिस केस में पूछताछ होनी थी, CBI ने उस केस में गिरफ्तार किया।
2. हमें जमानत पर आपत्ति है। यहां जमानत और गिरफ्तारी पर बहस को मिला दिया गया है।
3. मनीष सिसोदिया, के. कविता सभी पहले जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे। केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे।
4. ED केस में जब जमानत के लिए केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट आए थे, तब आपने भी कहा था कि पहले ट्रायल कोर्ट जाओ।
5. केजरीवाल को लगता है कि वे एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। हमारा कहना है कि गिरफ्तारी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहली अदालत नहीं होनी चाहिए। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।
6. ये गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं, इन्हें कानून ध्यान से पढ़ना चाहिए। गिरफ्तारी जांच का ही एक हिस्सा है।अगर जांच करने की शक्ति है, तो गिरफ्तार करने की भी शक्ति है।